मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में नशे में धुत एक पिता ने अपनी ही दो बेटियों को गोली मारकर उनकी जान ले ली। हत्या के बाद फरार हुए आरोपी पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हिरासत में आरोपी ने पुलिस को बताया कि बेटियों ने एक परिचित के घर मोबाइल फोन चोरी किया था। समाज में हुई बदनामी की वजह से उसने बेटियों को खत्म कर दिया। हत्या के वक्त बेटियां गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन बेरहम बाप को थोड़ी सी भी दया नहीं आई।
जानकारी के अनुसार, मैनपुरी के भोगांव क्षेत्र के गांव गढ़िया गोविंदेपुर में सुखदेव शर्मा का घर है। सुखदेव शर्मा राजमिस्त्री है। उसके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। सुखदेव के दो बेटियां नेहा (20) और अनामिका (18) थीं। आर्थिक तंगी की वजह से घर में कलह होती रहती थी। बुधवार रात करीब 10 बजे सुखदेव ने तमंचे से दोनों बेटियों की हत्या कर दी। हत्या करने के बाद फरार पिता पकड़े जाने के डर से खुद ही थाने पहुंच गया। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दोहरे हत्याकांड की जानकारी मिलते ही एसपी अजय कुमार, एसपी ओमप्रकाश सिंह, क्षेत्राधिकारी सिटी अभय नरायन राय कोतवाली पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके का मुआयना के बाद दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। बताया जाता है कि पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया है। उसने बताया कि आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री के ड्राइवर पवन शर्मा के रामलीला मैदान स्थित मकान पर वह प्लास्टर का काम कर रहा है। 17 मार्च की शाम परिवार सहित वह पवन शर्मा के घर पर होली मिलने गया था। 18 मार्च की सुबह पवन शर्मा के परिजन ने बताया कि उसकी बेटियां उनकी मां का मोबाइल चोरी कर ले गई हैं। घर आकर जब बेटियों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने मोबाइल फोन उसे दे दिया। बेटियों की हरकत से समाज में उसकी ‘बदनामी’ हुई। इसी के चलते उसने पहले नेहा और फिर अनामिका की हत्या की।
जिस वक्त सुखदेव ने दोनों बेटियों की जान ली, उस वक्त कमरे में बेटियों की मां रामा देवी और उनका 12 वर्षीय पुत्र शिवेंद्र भी मौजूद था। दो जवान बेटियों की हत्या से मां-बेटे दहशत में आ गए। दोनों ने उस खौफनाक मंजर के बारे में गुरुवार को बताया कि वारदात से पहले दोनों बेटियां पिता से जिंदगी की भीख मांगती रहीं लेकिन उसके सिर पर तो खून सवार था। बेरहम बाप का दिल नहीं पसीजा। पहले उसने दोनों बेटियों को दो-चार डंडे मारे और बाजार के लिए चला गया। देर रात नशे की हालत में वह घर पहुंचा।उस समय पूरा परिवार कमरे में मौजूद था। सुखदेव ने बेटियों से मोबाइल चोरी करने का कारण पूछा और तमंचा निकाल लिया। पत्नी के अनुसार, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि सुखदेव बेटियों को गोली मार देगा। हालांकि, बेटियां दोबारा गलती न करने की बात कहते हुए पिता के सामने गिड़गिड़ाने लगीं। इसी बीच सुखदेव ने नेहा को गोली मार दी। बहन की हत्या के बाद अनामिका रोते हुए पिता से जिंदगी की भीख मांगती रही लेकिन पिता का दिल नहीं पसीजा। उसने तमंचे में कारतूस लगाकर दूसरी बेटी अनामिका को गोली मार दी। उसकी भी मौत हो गई।