रीवा. कोरोना वायरस की महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. जबकि इस दौरान विभिन्‍न राज्‍य सरकारें प्रवासी मजदूरों को अपने घर लाने के लिए ना सिर्फ श्रमिक स्‍पेश्‍ल ट्र्रेनों बल्कि बसों का भी सहारा ले रही हैं, लेकिन हालात अभी काबू होते दिखाई नहीं दे रहे हैं. जबकि मध्‍य प्रदेश के रीवा के  चाकघाट क्षेत्र में प्रवासी मजदूर बेकाबू हो गए और उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश के बॉर्डर पर लगे बैरिकेड तोड़कर यूपी में प्रवेश किया.

रीवा के चाकघाट क्षेत्र में हजारों की संख्‍या में प्रवासी मजदूर बेकाबू हो गए और उन्‍होंने दोनों राज्‍यों ( उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश) के बॉर्डर पर लगे बैरिकेड तोड़कर उत्‍तर प्रदेश की सीमा में जबरदस्‍ती प्रवेश कर लिया. हालांकि इस दौरान वहां दोनों राज्‍यों की पुलिस तैनात थी, लेकिन वो असहाय नजर आयी.

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने रक्सा बॉर्डर से झांसी में वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया.जबकि निजी वाहनों को यूपी में प्रवेश नहीं करने देने पर मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. आईजी, कमिश्नर, डीएम और एसएसपी रक्सा बॉर्डर पर पहुंच गए हैं. इससे हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूरों के वाहनों के पहिए रक्सा बॉर्डर पर रुक गए. प्रवासी मजदूर अपने प्राइवेट वाहनों से नहीं उतरने की जिद पर अड़ गए हैं. इसके कारण झांसी के रक्सा बॉर्डर 20 किलोमीटर लम्बा जाम लग गया है. शनिवार रात से भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है. प्रवासी मजदूरों के बढ़ते हंगामे को देख बॉर्डर पर कई कम्पनी पीएसी बुला ली गई है. प्रवासी मजदूर रोडवेज़ की बसों में बैठने को तैयार नहीं हो रहे हैं. रक्सा बॉर्डर पर लगातार पांचवें दिन महाराष्ट्र, राजस्थान, एमपी, गुजरात से लाखों प्रवासी मजदूर आ रहे हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एक भी श्रमिक पैदल या किसी वाहन में छुपकर या निजी वाहन से यूपी में प्रवेश करेगा तो बॉर्डर के थाने के थानेदार इसके लिए जिम्मेदार होंगे.

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