टीकमगढ़ । केन्द्रीय पंचायती राज, पेयजल-स्वच्छता एवं ग्रमीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज यहाँ बुंदेलखंड सृजन-2017 का शुभारंभ करते हुए कहा कि हमारे मंत्रालय ने इस बार पेयजल संकट से ग्रस्त 2264 विकास खंडों को चिन्हित किया है । पेयजल संकट से निपटने के लिये जल संरक्षण की महती आवश्यकता है। हमने तय किया है कि मनरेगा की 67 प्रतिशत राशि पेयजल सरंक्षण पर खर्च की जायेगी।
श्री तोमर ने कहा कि *कृषि कर्मण* पुरस्कार कृषि के क्षेत्र में पहले पायेदान पर रहने वाले राज्य को दिया जाता है । किसानों के अथक परिश्रम और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के किया कौंशल के कारण मध्मप्रदेश को लगातार 5 वीं बार *कृषि कर्मण* पुरस्कार मिला है, जिसके लिए इस राज्य का किसान और मुख्यमंत्री जी बधाई के पात्र हैं। श्री तोमर ने कहा कि हमारे देश के गौरव श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने नदियों के जल के सदुपयोग के लिए नदी जोड़ो योजना की शुरुआत की थी, लेकिन केन्द्र में कांग्रेस सरकार आ गयी और यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी। अब देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार है तथा *बेतवा-केन* नदी जोड़ो योजना पर तेजी से कार्य प्रारंभ हो गया है। हम लोग Forest clearance की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण कराने के लिये प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जमाने में इंदिरा आवास योजना हुआ करती थी. यह योजना केवल कागजों तक ही सीमित थी। धरातल पर नामो निशान नहीं था.अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) प्रारंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को 2022 तक तथा 2019 तक 1 करोड़ लोगों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने विस्तार से बताया कि हमने आवास का आकार 20 से बढ़ाकर 25 मीटर कर दिया है.अब आवास निर्माण के लिए हितग्राही को 1लाख 20 हजार रुपये दिए जायेंगे। यदि हितग्राही मनरेगा में स्वंय मजदूरी करेगा तो उसे 18 हजार अलग से मिलेंगे तथा शौंचालय के लिए 12 हजार रुपये, इस प्रकार उसे 1 लाख 50 हजार रुपये प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि उक्त राशि से वह अपने आवास में एक कमरा, एक बरामदा,एक रसोई और एक शौंचालय बना सकेगा.प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत उसे निशुल्क रसोई गैस दी जायेगी तथा दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से उसे निशुल्क विद्युत कनेक्शन मिलेगा। आवास को मजबूती प्रदान करने के लिये उसमें *सरिये* का उपयोग किया जायेगा।
श्री तोमर ने कहा कि आवास की गुणवत्ता मानक स्तर की हो, इस हेतु IIT, UNDP और 18 राज्य सरकारों के सहयोग से आवास के स्पेशिफिकेशन तैयार किये गये हैं। बाढ़ वाले क्षेत्र, अधिक वर्षावाले क्षेत्र, मैदानी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार आवास किस प्रकार का बनना चाहिए, के स्पेशिफिकेशन बनाकर राज्यों को भेजे गये हैं.इससे गांव की तस्वीर और तकदीर बदलेगी।