रीवा. बीएसएफ का एक जवान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जाल में फंस गया। आइएसआइ ने फेसबुक पर लडक़ी की फेक प्रोफाइल से आइडी बनाकर झांसे में ले लिया। आशंका है कि आइएसआइ के हनीट्रैप में फंसे कांस्टेबल ने खुफिया जानकारी भी उससे शेयर की। मध्यप्रदेश के रीवा निवासी कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्रा को यूपी एटीएस ने बुधवार को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। वह फेसबुक के जरिए आइएसआइ के झांसे में आया।
ये है मामला
यूपी एटीएस के अनुसार आइएसआइ ने इस फेक आइडी में लडक़ी को रक्षा संवाददाता बताया। कांस्टेबल पाकिस्तानी एजेंसी के इरादे समझ नहीं पाया और गोपनीय जानकारी साझा कर दी। वह जनवरी 2016 से संपर्क में था। उसने अपनी यूनिट तथा हथियारों की खुफिया जानकारी भी उसे शेयर कर दी। कांस्टेबल एक पाकिस्तानी नंबर पर व्हाट्सऐप के जरिए बातचीत करता था। मिश्रा के मोबाइल में यह नंबर ‘पाकिस्तानी दोस्त’ नाम से सेव मिला।
मोबाइल और फेसबुक में कई साक्ष्य मिले
धर्म परिवर्तन और कश्मीर पर भारत विरोधी बात कहकर आइएसआइ उसे प्रभावित करने की कोशिश कर रही थी। कांस्टेबल के मोबाइल और फेसबुक में कई साक्ष्य मिले हैं। मिश्रा को पूछताछ के लिए 17 और 18 सितंबर को नोएडा बुलाया गया था, उसके बाद उसे घर पर ही नजरबंद कर दिया गया। मिश्रा के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 121 ए आइपीसी और आइटी एक्ट की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर जवानों से मित्रता
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने बुधवार को बताया कि अच्युतानंद मिश्रा लड़कियों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर जवानों से मित्रता करता था और फिर उनसे सेना से जुड़ी तमाम गोपनीय सूचनाएं लेकर आइएसआइ को लीक करता था। वह 2006 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। वह रीवा जिले के गोविंदगढ़ के मंडवा गांव का रहने वाला है। उसके पिता सुरेंद्र मिश्रा हैं। वह विवाहित है और दो बच्चे हैं।
अच्युतानंद ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया
डीजीपी ने बताया कि अच्युतानंद ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक मनीष सोनकर की अगुवाई में टीम ने बुधवार को उसे गिरफ्तार किया है। उसके बैंक के खातों को भी खंगाला जा रहा है। इससे पता चलेगा कि उसने सूचना साझा करने के बदले आइएसआइ से धन लिया या नहीं। मिश्र के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।