बासोपट्टी (मधुबनी). बासोपट्टी प्रखंड की हत्थापुर परसा पंचायत के परसा गांव में पंचायत ने बैठक कर विवादित फैसला दिया है। फैसला नहीं मानने वाले के विरुद्ध सामाजिक स्तर पर दंड का प्रावधान किया जाएगा। पंचायत ने जो फैसले दिए हैं, उनमें लड़कियों के मोबाइल रखने और शाम के बाद शौच जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस फैसले को कुछ लोगों ने गलत कहा है, तो कुछ ने सही निर्णय बताया है।

पंचायत की बैठक में लागू फैसले पर नजर रखने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सीपीआई अंचल मंत्री राम प्रसाद मंडल, सरपंच योगेंद्र मंडल, पूर्व मुखिया संयोगलाल यादव, पंसस राजनंदन प्रसाद, उप मुखिया अशफाक आलम, सौदागर साहु, दुखनी देवी, सुजान देवी, शत्रुघ्न सदा, संजीव कुमार यादव, सितावरी भंडारी को मनोनीत किया गया है। आने वाले रविवार को पुनः इस मामले में पंचायत की बैठक आयोजित की जाएगी।

ग्रामीणों ने पंचायत के निर्णय को सही करार दिया है। ग्रामीणों ने समाज की कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लिया और कहा कि गांव में शराबबंदी को सफल बनाने और जुआबाजी बंद करने में हम सब साथ देंगे। इसके साथ ही परिवार के सदस्य अपने बच्चों पर नजर बनाए रखने की भी बात कही है।

परसा गांव के लोगों की बैठक सरपंच योगेंद्र मंडल की अध्यक्षता में हुई। इसमें समाज सुधार के नाम पर कई अजीबोगरीब और विवादित फैसले लिए गए। इसमें 10वीं कक्षा में पढने वाली लडकियों के लिए मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अगर लडकियों को अपने रिश्तेदारों से बात भी करनी हो तो वह अपने अभिभावकों के सामने ही बात करेंगी। यही नहीं पढ़ने, खेतों में काम करने या बाहर कहीं भी गई लडकियों को शाम से पहले घर लौटने का निर्देश दिया गया है। पंचायत ने शाम के बाद और सुबह होने से पहले लड़कियों के शौच जाने पर भी रोक लगा दी है।

पंचायत ने बैठक में निर्णय लिया है कि गांव में शराब पीने और बेचने पर रोक रहेगी। यही नहीं, जुआ खेलने पर भी पंचायत में रोक रहेगी। अगर कोई नशापान करते या जुआ खेलते पाया गया तो समाज के लोग उसे पुलिस प्रशासन को सौंप देंगे। शादी के मौके पर डीजे पर नाच-गाने पर भी रोक लगा दी गई है। खासकर नटुआ नाच पर प्रतिबंध लगाया गया है। गांव में आर्केस्ट्रा और डीजे पर अश्लील भोजपुरी गाना बजाने को भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही खुद से अतिक्रमण हटाने और गांव की सफाई रखने का निर्णय लिया गया है। कमेटी स्कूल में छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी नजर रखेगी।

संयोग लाल यादव, पूर्व मुखिया ने बताया कि 10वीं की छात्रा को मोबाइल की कोई आवश्यकता नहीं है। उनको पढाई पर ध्यान देना चाहिए। गांव में शराब पीकर लोग हंगामा करते थे। इस कारण समाज को यह निर्णय लेना पडा है।

मंडल सरपंच योगेन्द्र का कहना था कि कोई छात्रा मोबाइल पर अकेले में बात करते पकडी गई तो पंचायत में समस्त ग्रामीणों के सामने उसके परिवार के सदस्यों को लाया जाएगा। उनसे सवाल और जवाब के बाद दंड पर कमेटी निर्णय करेगी।

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