ग्वालियर । भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण में घोर लापरवाही बरतने, बिजली चोरी रोकने और बकाया राशि नहीं बसूलने वाले व विभाग को गलत जानकारी देने वाले तीन जूनियर इंजीनियरों (उप प्रबंधकों) को मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्यृत वितरण कंपनी के एमडी विवेक पोरवाल ने निलंबित कर दिया है। जबकि दो उप महाप्रबंधक (डिवीजनल इंजीनियर) का भिण्ड से तबादला करने के निर्देश दिए है। पोरवाल कल ग्वालियर, भिण्ड और मुरैना में बिजली विभाग के अधिकारियों की बैठक लेने भोपाल से आए थे।
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्यृत वितरण कंपनी के एमडी विवेक पोरवाल ग्वालियर रीजन के मुख्य महाप्रबंधक वीरेन्द्र गुप्ता, बिजली कंपनी के एचआरडी के मुख्य महाप्रबंधक केदार सिंह को लेकर भिण्ड आए। जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में साफ कहा कि भिण्ड जिले में 80 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है तथा उपभोक्ताओं पर तीन सौ करोड रुपए से अधिक की राशि बकाया है। विभागीय अधिकारियों द्वारा बसूली में जो लापरवाही की जा रही है उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। बकाया बसूली की सही जानकारी नहीं देने वाले गोहद ग्रामीण के जूनियर इंजीनियर अंशू सक्सेना, कीरतपुरा के जेई अरुण सैनी और ऊमरी के जेई पीके डोले को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही गोहद के डिवीजनल इंजीनियर पीके बार्ष्णेय का तबादला अशोकनगर कर दिया है। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना एवं फीडर सेपरेशन का कार्य देख रहे डीके बोरा और बिजीलेंस डीई नागर को भी यहां से हटाने के निर्देश एचआर के मुख्य महाप्रबंधक को दिए हैं।
एमडी विवके पोरवाल ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि बिजली खपत के अनुसार बसूली आनी चाहिये। जिस क्षेत्र या गांव के उपभोक्ता बिल की राशि नहीं दे रहे हैं उनके तार व ट्रांसफार्मर उतार लिए जाये और जो उपभोक्ता बिल जमा करते है उनको 24 घण्टे बिजली दी जाए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी बसूली का टारगेट पूरा नहीं करेंगे उनको वेतन नहीं दिया जायंगा।
एमडी पोरवाल ने शहर में केबलीकरण का काम कर रही एटूजेड कंपनी का एग्रीमेंट निरस्त कर दिया गया है। वह कंपनी अपना काम नियत समय पर पूरा नहीं कर पा रही थी इसके कारण काम तीन साल पिछड गया है।

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