भोपाल ।  मप्र बिजली कंपनी अब खुद मीटर रीडिंग करवाने लगी है। -बिजली बिल में गड़बड़ी रोकने के लिए यह कदम  उठाया जा रहा है। वर्तमान में यह काम आउटसोर्स एजेंसी के जरिये कराया जाता था। एजेंसी के कर्मचारियों के पास टारगेट होते हैं जो जल्दबाजी में रीडिंग लेकर बिल जनरेट कर देते हैं। कुछ घरों में तो बिना रीडिंग के औसत खपत के आधार पर बिल देने की शिकायतें भी मिलती थीं। बिजली कंपनी ने इन्हीं शिकायतों को देखते हुए शहर में खुद रीडिंग कराने का निर्णय लिया है। सभी क्षेत्रों में रीडिंग शुरू भी करा दी है।

बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि शहर में जिस कंपनी को यह काम दिया था, उसे हटा दिया है। ओरिन नामक आउटसोर्स एजेंसी से नया अनुबंध किया है। यह एजेंसी कंपनी को आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध करवा रही है। ये कर्मचारी बिजली कंपनी के अधीन काम करेंगे। अब मीटर रीडर सीधे बिजली कंपनी के अधीन रहेंगे। उन पर अधिकारियों का नियंत्रण रहेगा और वे गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। बता दें कि शहर में 4.50 लाख उपभोक्ता है। इनमें से हर माह 1200 से 5000 उपभोक्ता बिलों में गड़बड़ी व सुधार की मांग करते हैं। मई 2021 में ही 5000 से अधिक बिल सुधार की शिकायतें मिली थीं। कंपनी का लक्ष्य इन शिकायतों को सीमित करना है। इस नई व्यवस्था को लेकर  ‎बिजली ‎‎विभाग के अधिकारियों का दावा है ‎कि मीटर रीडर संबंधित वितरण केंद्र व जोन के अधिकारियों से संपर्क में रहेंगे, उन्हें रिपोर्ट करेंगे। हर माह रीडिंग की समीक्षा की जाएगी, तय समय पर रीडिंग ली जाएगी।रीडिंग का मिलान भी किया जाएगा, तब बिल जनरेट किए जाएंगे। जल्दबाजी में रीडिंग नहीं ली जाएगी, उपभोक्ताओं की पिछली रीडिंग को भी देखा जाएगा।

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