भोपाल । राज्य सरकार ने बाल-विवाह के प्रकरणों पर रोक लगाने के लिये बाल विवाह रोको अभियान 2013 को पूरे साल चलाने का निर्णय लिया है। अभियान की जानकारी सभी जिला कलेक्टर को भेजकर कार्ययोजना बनाने एवं पूरे वर्ष इस कार्य को करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि कुछ विशेष अवसरों पर ही नहीं बल्कि साल भर गतिविधियाँ आयोजित कर बाल-विवाह होने से रोका जाय। उन्हें शासकीय, अशासकीय संस्था एवं अधिकारियों के समन्वय से सुव्यवस्थित रणनीति के तहत कार्य करने को कहा गया है।
बाल-विवाह रोकने के लिये महिला सशक्तिकरण संचालनालय स्तर पर भी कार्ययोजना तैयार की गई है। कार्ययोजना के अन्तर्गत सभी स्थानों पर कोर ग्रुप का गठन किया जायेगा। कोर ग्रुप में स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच, पार्षद, विद्यालय के प्राचार्य, अधिकतम दो एनजीओं के प्रतिनिधि, मुखिया, पंडित, मौलवी, चर्च के फादर, गुरुद्वारे के ग्रंथी आदि धर्मगुरु, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और ग्राम के प्रमुख व्यक्ति शामिल रहेंगे। कोर ग्रुप अपने क्षेत्र में होने वाले बाल-विवाह पर निगरानी रखेगा तथा उन्हें होने से रोकेगा। चूँकि ग्राम स्तर पर विवाह नायन जोड़ती है, अतः उसे भी कोर ग्रुप में शामिल करने के निर्देश दिये गये हैं। स्थानीय किशोरी बालिकाओं को भी जागरूकता अभियान से जोड़ने को कहा गया है।
बाल-विवाह की जानकारी मिलने पर माता-पिता को परामर्श देकर बाल-विवाह रोकने का प्रयास किया जायेगा। अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी, देव उठनी ग्यारस जैसे प्रमुख अवसरों पर विशेष ध्यान रखा जायेगा। राज्य सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि यदि उनके आस-पास या क्षेत्र में बाल-विवाह होने की सूचना है तो इसकी जानकारी निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला कलेक्टर या महिला सशक्तिकरण अधिकारी को दे।
शासन द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना में 12 फरवरी तक सभी ग्राम में बैठकों का आयोजन कर कोर ग्रुप का गठन होगा। बैठक में संबंधित अधिकारियों का मोबाइल एवं टोल फ्री नम्बर दिया जायेगा। परियोजना एवं जिले के ऐसे संवेदनशील क्षेत्र और ग्रामों की जानकारी एकत्रित की जायेगी, जहाँ पिछले वर्षों में बाल-विवाह हुए हैं। तेरह से बीस फरवरी तक 18 साल से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित की जायेगी। कलेक्टर जन-प्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं, अधिकारियों, प्रबुद्ध नागरिकों को आमंत्रित कर उनसे सहयोग का आग्रह करेंगे।
इसी तरह 20-23 फरवरी तक बालिकाओं और संवेदनशील क्षेत्रों की सूची एसडीओपी, जनपद पंचायत के सीइओ को सौंपी जायेगी। 24 से 28 फरवरी तक सीइओ ये सूची सभी सरपंच, सचिव, वार्ड प्रभारी को उपलब्ध करवायंेगे। एक से दस मार्च के दौरान जिन परिवारों में बाल-विवाह तय हुए हैं, उनका सम्पर्क कोर ग्रुप से करवाया जायेगा। दस से बीस मार्च के दौरान ग्राम में मंगल दिवस, स्वास्थ्य दिवस पर परिवारों को अभियान एवं संबंधित कानून की जानकारी दी जायेगी।
इसी प्रकार एक से पन्द्रह अप्रैल तक पुनः सर्वे कर 18 साल से कम उम्र की अविवाहित किशोरियों की जानकारी एकत्रित कर बाल-विवाह की समीक्षा की जायेगी। बीस से तीस अप्रैल के दौरान गाँवों में मंगल दिवस, स्वास्थ दिवस आदि अवसरों पर पुनः परिवारों को जानकारी दी जायेगी। एक से दस मई तक कोर ग्रुप की बैठकें होगी तथा अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधि क्षेत्र का भ्रमण करेंगें। अक्षया तृतीया 13 मई के मौके पर अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगें की सामुहिक विवाहों में बाल-विवाह न होने पाये। पन्द्रह से बीस मई तक कलेक्टर अपने जिले की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।