बालाघाट। जिले में बढ़ रही नक्सली घुसपैठ को रोकने के लिए बालाघाट पुलिस छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र पुलिस के साथ मिलकर सघन अभियान चला रही है, बावजूद इसके नक्सली जंगलों में अपनी उपस्थिति लगातार दर्ज करा रहे हैं।

विगत कुछ दिन में नक्सली जंगल में पर्चे छोड़कर उनके दल में जुड़ने के लिए ग्रामीणों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पुलिस इन पर्चों को पुराना बता रही है। नक्सलियों ने रूपझर थाना क्षेत्र के सोनगुड्डा क्षेत्र में पर्चे फेंके हैं। इसमें उन्होंने 23 मार्च शहीद भगत सिंह दिन को साम्राज्यवाद विरोधी दिन के रुप में मनाने का आह्वान भी किया है।

पर्चों में अनर्गल बातें

नक्सली पर्चे में लिखा है कि समाजवाद तो दूर जनता को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। 45 प्रतिशत जनता भूखी रहती है और भारत के एक प्रतिशत लोगों के पास 73 प्रतिशत की संपति जमा है। केवल 100 अरबपति, 130 करोड़ भारत की जनता का भाग्य तय करते हैं।

किसानों की आत्महत्या, प्रचंड रोजगारी, महंगाई, भूख, बदहाली के भंडार, तेल, गैस भंडार, जल-जंगल और जमीन साम्राज्यवादी विदेशी कंपनियों और उनके देशी दलालों को बेच दिए हैं। यह आजादी के 70 साल के बाद के भारत की स्थिति है। पर्चे में नक्सलियों ने अफसरों का माओवादियों को मार गिराने के वक्तव्य को असंवैधानिक बताया है।

पर्चे में लिखा कि सकुतरा में नंदू और राजू इन दोनों कार्यकर्ताओं की बिना हथियार के रहते समय पकड़ कर हत्या की गई थी। यह शौर्य नहीं कायरता है। 3 फरवरी को और 6 अगस्त को भावे के जंगल में पुलिस के साथ आमने-सामने लड़ते हुए 3 पुलिस कर्मियों को मार गिराया और एक को घायल किया यह पीएलजीए योद्धाओं का शौर्य है।

इनका कहना है

सोनगुड्डा के जंगल में मिले नक्सली पर्चे पुराने हैं। पुलिस सतर्क है और लगातार इन क्षेत्रों में सर्चिंग कर रही है।

– अमित सांघी, पुलिस अधीक्षक, बालाघाट

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