भोपाल। मध्यप्रदेश के मध्य, पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में आज बारिश का क्रम कमजोर पड़ने के कारण राहत और बचाव कार्य में तेजी आयी है। सेना, पुलिस, होमगार्ड और विशेष दलों की मदद से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फसे लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य जारी है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के अधीन सभी जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना, जिला प्रशासन, होमगार्ड, पुलिस, एसडीआरएफ और राहत दल के जवान फसे हुए लोगों को निकालने के कार्य में जुटे हुए हैं। इस कार्य में सेना के हेलीकॉप्टर, मोटरबोट और अन्य उपकरणों की मदद ली जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, देवास और विदिशा आदि जिलों में बारिश से बिगड़े हालात और नुकसान का हवाई सर्वेक्षण कर जायज़ा लिया। इस बीच भोपाल संभाग आयुक्त कवीन्द्र कियावत और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेन्द्र जैन कल देर रात तक सीहोर और रायसेन जिलों में राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लेते रहे। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित सोमलवाड़ा पहुंचकर दोनों अधिकारियों ने रात्रि में ही अधिकांश ग्रामीणों को नजदीकी ग्राम बमोरी और नानभेट में शिफ्ट करवाया। आज सेना ने शेष 25 ग्रामीणों को सुरक्षित निकालकर उन्हें हेलीकाप्टर से शाहगंज पहुँचाया।

भोपाल जिले में भी बारिश से कई क्षेत्रों में जल-भराव की स्थिति निर्मित हुई है। जिला प्रशासन द्वारा निरंतर राहत और बचाव के कार्य किए गए और आज स्थिति लगभग सामान्य हो गयी। भोपाल के निचले इलाकों से पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका था। बारिश के कारण कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित किए गए अस्पताल परिसर में भी कल पानी भर गया था। इस वजह से अस्पताल प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ी।

वहीं विदिशा जिले में कम से कम तीन सौ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहां पर बेतवा नदी उफान पर थी। अब स्थितियां सामान्य होती नजर आ रही हैं। रायसेन जिले में बाढ़ में फसे 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इस कार्य में सेना के जवानों की भी मदद ली गयी। रायसेन जिले में बाड़ी और बरेली क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहे। 

राज्य के बालाघाट, सिवनी, ंिछदवाड़ा, होशंगाबाद, हरदा, रायसेन, सीहोर, बैतूल, देवास और अन्य जिलों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार अब स्थितियों में सुधार होता हुआ नजर आ रहा है। लेकिन प्रशासन अब भी पूरी तरह सजग और सतर्क है। यदि बारिश फिर शुरू हुयी, तो स्थिति फिर बिगड़ने की आशंका रहेगी। इसके अलावा प्रशासन इस बात की भी तैयारी कर रहा है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बीमारियों का प्रकोप नहीं फैले।

मुख्यमंत्री चौहान आज अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में कह चुके हैं कि बाढ़ में फसे एक एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला जाएगा। इसके लिए सेना की मदद भी ली जा रही है। एसडीआरएफ, एनडीआरपएफ, पुलिस, होमगार्ड और प्रशासनिक अमला दिनरात राहत कार्यां में जुटा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अब चूंकि बारिश वाला सिस्टम राज्य के पश्चिमी हिस्से की ओर बढ़ गया है, इसलिए इंदौर और उज्जैन संभागों में और अधिक ऐहतियात बरती जा रही है।

चौहान के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों का प्रकोप नहीं फैले, इसके लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। वे बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद भोपाल में सीधे राज्य मंत्रालय पहुंचे और इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री और अन्य संबंधित मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। 

राज्य में बाढ़ के कारण लगभग एक दर्जन जिलों के 9000 से अधिक व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण जनहानि नहीं के बराबर हुयी है। जिन आठ लोगों की मौत की सूचनाएं आयी हैं, वे कच्चे मकान आदि गिरने के कारण हुयी हैं। बाढ़ की स्थिति सामान्य होने के बाद फसलों, संपत्तियों और अन्य नुकसान को लेकर आकलन कराया जाएगा। 

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