ग्वालियर। भिण्ड जिला न्यायालय के अपर चतुर्थ सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर ने बहू को जिन्दा जलाकर मार डालने के आरोपी सास, ससुर को आजीवन कारावास की सजा तथा 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंण्डित किया है। घटना के समय पति का घर में मौजूद नहीं होने पर उसे बरी कर दिया गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजन रविन्द्र मुदगल ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के फूप थाना क्षेत्र के ग्राम गढा निवासी उमा ने अपनी सास सोमतादेवी से 18 अप्रैल 2014 को सुवह आटा पिसाने के लिए गेंहू मांगे थे। तभी सास-बहू में विवाद हो गया। काफी झगडा होने पर बहू उमा अपने कमरे में जाकर लेट गई। दोपहर करीबन दो बजे ससुर छोटेलाल ने कमरे में लेटी बहू के ऊपर कैरासिन डाल दिया। बहू कुछ समझ पाती कि सास सोमतादेवी ने बहू में आग लगा दी। जिससे बहू उमा की मौत हो गई। फूप थाना पुलिस ने मृतिका के मायके वालों की रिपोर्ट पर सास सोमतादेवी, ससुर छोटेलाल व पति गोरेलाल के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर चालान भिण्ड न्यायालय में पेश किया।
भिण्ड जिला न्यायालय के अपर चतुर्थ सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने व पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर सास-ससुर बहू की हत्या के दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा तथा 10-10 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया है। पति गोरेलाल की घटना के समय मौजूदगी साबित नहीं होने पर उसे बरी किया गया है। उमा और गोरेलाल की शादी तीन साल पूर्व हुई थी।