भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि बच्चों की गंभीर बीमारियों के इलाज के लिये राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जायेगी। बच्चों की शल्य क्रिया के लिये विशेषज्ञ सुविधाओं वाले अस्पतालों को भी चिन्हित कर इलाज के लिये भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सक समुदाय सहित प्रत्येक नागरिक को बच्चों और उनके स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है। श्री चौहान आज यहाँ पीपुल्स विश्वविद्यालय के सभागार में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स सर्जन द्वारा आयोजित बाल शल्य चिकित्सकों के 38वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा एवं विधायक श्री विश्वास सारंग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों के स्वास्थ्य के लिये संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना एवं अन्य योजनाओं की चर्चा करते हुये कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिये स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार दिया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी निवेश आमंत्रित किया गया है। हाल ही में इंदौर में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में चार मेडिकल कॉलेज खोलने के संबंध में करार हुआ है। इसके अलावा सार्वजनिक निजी भागीदारी से भी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल संचालित करने पर विचार किया जा रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर कम करने के लिये विशेष कार्ययोजनायें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बाल शल्य क्रिया एक चुनौती पूर्ण कार्य है। उन्होंने शल्य चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे बच्चों की शल्य क्रिया में आने वाली चुनौतियों और उपचार सुविधाओं के संबंध में सुझाव दें जिससे मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना और अन्य योजनाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके। इसके लिये पैसे की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि 7 नवम्बर से निःशुल्क दवा वितरण योजना की शुरूआत की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बाल शल्य क्रिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान और विशेष उपलब्धियाँ हासिल करने वाले चिकित्सकों को शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। डॉ. एस.एस.देशमुख, डॉ.राखी कुलकर्णी, डॉ. देवेन्द्र के गुप्ता, डॉ. पीके जैन और डॉ.आई.सी.पाठक को अभिनन्दन पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन का विवरण देने वाली विशेष स्मारिका का विमोचन किया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वेंकट श्रीपति, आयोजन सचिव डॉ. के.एस.बुधवानी, डॉ. के.के.मुदार एसोसिएशन के सचिव डॉ. किशोर पंजवानी एवं बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं अन्य प्रदेशों के बाल्य शल्य चिकित्सक उपस्थित थे।