भोपाल। एमपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में जीव विज्ञान वर्ग में तीसरी रैंक बनाने वालीं मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के श्योपुर की मधु आर्य के पिता फुटपाथ पर जूतों की दुकान लगाते हैं। मधु ने 500 में से 485 अंक हासिल किए हैं। पहली रैंक पर आने वाली अनुष्का गुप्ता से मधु के 5 अंक कम हैं। वह अपने 5 भाई-बहनों, माता-पिता और दादी के साथ तीन कमरों के मकान में रहती हैं। प्रदेश की इस होनहार बेटी का सपना डॉक्टर बनने का है। उसने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा- मेरे माता-पिता की इतनी हैसियत नहीं कि वे आगे पढ़ा सकें। पापा घर चलाएं कि हमें पढ़ाएं। सरकार हमारी मदद करे और मेरी पढ़ाई को समर्थन करे।
मधु ने बताया कि मेरी 4 बहनें और एक भाई है। मेरे पिता की बहुत छोटी दुकान है। उसका भी किराया देना पड़ता है। पापा उधार लेकर हमें पढ़ाते हैं। वे हमसे कुछ नहीं छिपाते हैं, लेकिन हमें पढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। मां भी आंगनबाड़ी में काम करती हैं। तीन कमरों के टीन शेड के इस मकान में हम 10 लोग रहते हैं। इस बार तो मैं अपनी ट्यूशन की फीस तक पूरी नहीं दे पाई। मैं सुबह 4 बजे उठाकर पढ़ने बैठ जाती थी। हर एक सवाल को कई बार पढ़ती थी, ताकि उसे समझ सकूं। रोज नियम बनाकर 8-10 घंटे पढ़ाई करती हूं। मेरी बड़ी बहन पूनम कॉलेज में है। मुझसे छोटी बहनों में पायल 10वीं, आरती 9वीं, ऊषा 6वीं और छोटा भाई निशु आर्य पहली में है। पापा सबको पढ़ा रहे हैं। तीनों बहनें एक्सीलेंस में हैं।
मैं अभी नीट की तैयारी कर रही हूं। मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं। सरकारी सीट पाने के लिए मेहनत कर रही हूं। वहां पर भी खूब पैसा लगता है। हम बहनें खूब पढ़ना चाहते हैं। अगर सरकार मदद करेगी, तो हम भी अपने सपने पूरा कर सकेंगे।