भोपाल। अब स्कूल की फीस नहीं चुकाने पर प्रबंधन विद्यार्थी को न तो परीक्षा देने से रोक सकता है और न ही अंकसूची देने से मना कर सकता है। ऐसा करने पर प्रबंधन के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 (किशोर न्याय अधिकार अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जा सकेगी।

मानव अधिकार आयोग की सिफारिश पर शासन ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है। इस कानून में गैरजमानती धाराओं में कार्रवाई होती है। इसमें प्रताड़ना का आरोप सही पाए जाने पर आरोपित को जेल और आर्थिक दंड देना पड़ेगा।

इस संबंध में इसी हफ्ते निर्देश जारी हो सकते हैं, जो मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल सहित सीबीएसई आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों पर लागू होंगे।

आयोग और पुलिस में होगी शिकायत : ऐसे मामलों में विद्यार्थीअभिभावक बाल अधिकार संरक्षण आयोग और पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।

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