ग्वालियर। ग्वालियर में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त नागेश्वर सोनकेशरी को सरकार ने बर्खास्त कर दिया। इंदौर उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिए थे कि सोनकेशरी की सेवाएं समाप्त की जाएं। दरअसल, उन्होंने हल्बा जनजाति के जिस प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाई थी, वो फर्जी पाया गया है।

वाणिज्यिक कर विभाग ने सोनकेशरी को बर्खास्त करने का आदेश बुधवार को जारी किया। इसमें लिखा गया है कि राज्य सिविल सेवा परीक्षा में अनुसूचित जनजाति श्रेणी से नागेश्वर सोनकेशरी का चयन जिला आबकारी अधिकारी पद के लिए करते हुए 2001 में नियुक्ति दी गई थी। उन्होंने जुलाई 1998 का अस्थायी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। इसकी वैधता अवधि नियमानुसार छह माह रहती है और वह स्वत: ही निरस्त हो जाता है। स्थायी जाति प्रमाणपत्र अगस्त 2005 को जारी होना बताया। शिकायत की जांच में यह फर्जी पाया गया।

राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने वर्ष 2010 में सोनकेशरी को सेवा से मुक्त करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने विभागीय जांच किए बगैर सेवामुक्त करने के आदेश को निरस्त करते हुए सेवाएं बहाल रखने के आदेश दिए थे।

इस फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसका निराकरण करते हुए 2019 में निर्देश दिए थे कि छह माह में किया जाए। इस पर 22 दिसंबर को न्यायालय द्वारा आदेश के पालन में सोनकेशरी की नियुक्ति को निरस्त करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया गया है।

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