ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के ग्राम डोंगरपुरा निवासी दो सगे भाई फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाकर थानेदार बन गए थे, पुलिस ने दोनों सगे भाईओं को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पकडे गए भाईओं को भिण्ड न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के ग्राम डोंगरपुरा निवासी धर्मसिंह नरवरिया व जयसिंह नरवरिया दोनों सगे भाईओं ने फर्जी सहरिया आदिवासी का प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। दोनों भाईओं ने ग्वालियर में कदमा आदिवासी से गोदनामा लिखवाकर सहरिया आदिवासी का प्रमाण-पत्र बनवा लिया था। दोनों भाईओं ने वर्ष 2014 में सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा दी थी। सहरिया आदिवासी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर दोनों भाईओं का सिलेक्शन हो गया। दोनों भाईओं का जब सिलेक्शन हो गया पर दोनों को डर था कि कहीं उनके द्वारा बनवाए गए फर्जी सहरिया आदिवासी प्रमाण-पत्र का खुलासा न हो जाए तो उन्होंने नौकरी की ज्वाइनिंग नहीं दी। इसके बाद दोनों भाईओं ने वर्ष 2016 में सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा दी जिसमें सभी प्रमाण-पत्र सही लगाए। इस वार जयसिंह नरवरिया का उपनिरीक्षक की परीक्षा में सिलेक्शन हो गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जयसिंह नरवरिया का जब उपनिरीक्षक के लिए सिलेक्शन हो गया तो किसी आदित्य सिंह नरवरिया ने डीजीपी डेस्क पर शिकायत कर बताया कि दोनों भाईओं ने वर्ष 2014 में उपनिरीक्षक की परीक्षा में सहरिया आदिवासी का फर्जी जाति प्रमाण-पत्र लगाया था। डीजीपी के यहां से जांच के निर्देश मिलने पर जांच शुरु की गई तो पाया कि दोनों भाईओं ने ग्वालियर से तीन-तीन माह के अंतराल से सहरिया आदिवासी के जाति प्रमाण-पत्र बनवाए थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक आरोपी धर्मसिंह नरवरिया पुलिस में आरक्षक है। धर्मसिंह वर्ष 2010 की परीक्षा में आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ था। जांच में दोनों भाई दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार दोनों भाईओं को जेल भेजा गया है।