ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के रौन थाने के प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला आत्महत्या कांड में शुरू हुई जांच पर मृतक के बेटों ने पहले दिन ही सवालिया निशान लगा दिया है। जिसमें मुरैना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने भिंड जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचकर जांच की शुरुआत की। प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला के बड़े बेटे विकास शुक्ला का कहना है कि पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह की जांच की जाए, जितना वीडियो और ऑडियो में दिख रहा है हो सकता है पुलिस अधीक्षक उससे और ज्यादा दोषी हों। निष्पक्ष एजेंसी से या न्यायिक जांच कराई जाए। विकास ने कहा पुलिस अधीक्षक यहां पर रहेंगे तो कोई भी कर्मचारी बयान के लिए खड़ा नहीं हो पाएगा। पुलिसकर्मी उनके अंडर में रहकर उनके खिलाफ कैसे बोल पाएंगे। भले वे गलत हो या सही। विकास ने कहा मुझे अपने पिता को आत्महत्या के लिए विवश करने वालों को सजा दिलाना है। इसलिए पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह व टीआई सुरेन्द्र सिंह गौर को तत्काल भिण्ड से हटाया जाए।
इधर मृतक के घर पर अटेर विधायक हेमंत कटारे पहुंचे। जिन्होंने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग उठाई। विधायक कटारे ने चंबलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) उमेश जोगा से मोबाइल पर बात करके सवाल उठाया कि इस मामले में टीआई रौन एसएस गौर के अलावा भिण्ड के पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह के खिलाफ भी प्रकरण कायम करने की मांग है तो एक एएसपी अपने से सीनियर अधिकारी के खिलाफ जांच कैसे कर सकते हैं। विधायक का कहना है, आईजी ने उनसे कहा है कि फरियादी इस संबंध में आवेदन दे। तो जांच अधिकारी बदला भी जा सकता है। अटेर विधायक कटारे ने यह भी सवाल उठाया है कि जब एसपी ने हवलदार शुक्ला की परेशानी को नहीं समझा। जब शुक्लाजी बार-बार एसपी से खुद की डेड बॉडी आने की बात कह रहे थे तो एसपी ने इसे हल्के में लिया, इसलिए एसपी भी इसमें दोषी हैं और उनके खिलाफ भी इसमें मामला कायम होना चाहिए, तो जांच अधिकारी एएसपी दो घंटे तक एसपी के चेंबर में क्यों रुके। अटेर से कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि हवलदार की मौत का मामला आत्महत्या का नहीं है, बल्कि उन्हें आत्महत्या के लिए विवश किया था इसलिए यह हत्या का मामला है। पीडि़त परिवार को सरकार और पुलिस वेलफेयर फंड से सहायता मिले। एसपी की गल्ती से वह ऑन ड्यूटी खत्म हुए हैं। तो परिवार को एक करोड़ रुपए, बेटे को अनुकंपा नियुक्ति और स्वर्गीय श्री शुक्ला की बची हुई नौकरी की तनख्वाह उनकी पत्नी को दी जाना चाहिए। विधायक ने कहा कि पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिला तो वे परिजन को साथ लेकर धरना देंगे।
जांच कितने समय में पूरी होगी इस सवाल पर जांच अधिकारी एएसपी सुजानिया ने कहा कि फरियादी पक्ष से जांच में जितना सहयोग मिलेगा, जांच उतनी ही जल्द पूरी होगी। पीडि़त परिवार अभी शोक में है तो उनसे अभी बात नहीं की है। एएसपी सुजानिया ने यह भी कहा कि जांच से फरियादी का संतुष्ट होना जरूरी है। टेक्निकल चीजें कलेक्ट की हैं। रौन थाने भी गया था। जांच के लिए सर्किट हाउस पर कैंप ऑफिस बनाया है। पूरी जांच रिपोर्ट गोपनीय रहेगी। हां, इसकी जानकारी पीडि़त पक्ष को दी जाएगी। मुझ पर भरोसा किया गया है तो ईमानदारी से जांच करूंगा।
एएसपी ने शुरू की जांच, दो घंटे रुके एसपी ऑफिस में इस मामले की जांच करने मुरैना से आए एएसपी सुजानिया ने एसपी ऑफिस पहुंचकर यहां हवलदार का सर्विस रिकॉर्ड निकलवाया है। साथ ही रौन थाना टीआई का रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है। रिकॉर्ड निकलने में देर हुई तो एएसपी सुजानिया करीब दो घंटे एसपी ऑफिस में रुके।

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