भोपाल। कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण सातवें वेतनमान की तीसरी किस्त और 5% महंगाई भत्ता का झटका लगाने के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि की राहत दी गई है। सभी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि देने का फैसला किया गया है। इसके लिए 540 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। 

प्रदेश में कोरोना संकट के कारण कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी और अंतिम किस्त का एरियर्स देने पर रोक लगाई गई थी। इसके पहले 5% महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय वापस लिया गया था। इससे सरकार को फिलहाल करीब 2000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारी चाहते थे कि संकट के दौर में एक जुलाई से दी जाने वाली सालाना वेतनवृद्धि को कुछ समय के लिए स्थगित रखा जाए, लेकिन इससे साफ इन्कार कर दिया गया। बताया जा रहा है कि एक जुलाई से करीब 3% के हिसाब से वार्षिक वेतनवृद्धि देने की फाइल बढ़ा दी गई है। प्रदेश में हर साल करीब बीस हजार करोड़ रुपये वेतन-भत्तों में खर्च होते हैं।

इस हिसाब से जुलाई से मार्च तक वेतनवृद्धि पर करीब 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बजट में इसके लिए प्रावधान किए जा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये का जो अतिरिक्त कर लगाया है, उससे सरकार की वित्तीय हालत में सुधार आएगा।
इसके जरिए सरकार पेट्रोल से करीब 370 करोड़ और डीजल से 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व हासिल करेगी। पेट्रोल-डीजल से सरकार को सालाना 11500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। वहीं, शराब दुकानों की नीलामी का सिलसिला भी चल रहा है। इससे लगभग 10000 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *