भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों को आगामी 01 वर्ष में चिकित्सा की आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एवं उत्कृष्ट बनाया जाए। चौहान आज मंत्रालय में वी.सी. के माध्यम से सभी जिलों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जिला चिकित्सालय सिवनी में जनसहयोग से किए गए कार्य उदाहरणीय हैं। सभी जिलों को इससे प्रेरणा लेना चाहिए।  

जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने कायाकल्प, दस्तक और निरोगी काया अभियान में कई अवार्डस जीते हैं, यह इस बता का परिचायक है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से प्रगति हो रही है। अवार्ड जीतने के लिए उन्होंने सभी संबंधितों की सराहना की तथा बधाई दी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश के 162 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कायाकल्प अभियान के मापदण्डों में खरे उतरे हैं तथा उन्हें भारत सरकार द्वारा 70 प्रतिशत या अधिक रेंfटग दी गई है।  

उन्होंने अवार्ड प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कायाकल्प अभियान में अवार्ड प्राप्त करने के लिए जिला चिकित्सालय सिवनी, भिण्ड, बैतूल, अनूपपुर, सिविल अस्पताल एल्गिन जबलपुर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन को बधाई दी। इसी प्रकार दस्तक अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इंदौर एवं रीवा संभाग तथा सीधी, सीहोर, सिवनी एवं धार जिलों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने निरोगी काया अवार्ड के लिए नर्मदापुरम संभाग तथा रायसेन, होशंगाबाद एवं बड़वानी जिलों की सराहना की तथा बधाई दी।  

चौहान ने सिवनी जिला चिकित्सालय के कायाकल्प के लिए जनसहयोग से चलाए गए “मैं भी अस्पताल मित्र” की सराहना की। संबंधित कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जनसहयोग से लगभग 01 करोड़ रूपये की राशि तथा एन.आर.एच.एम. से लगभग 02 करोड़ की राशि प्राप्त कर अस्पताल का कायाकल्प किया गया तथा इसे सभी आधुनिक चिकित्सा उपकरणों एव सेवाओं से लैस किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे कायाकल्प अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थाओं में उच्च स्तर की साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित करना है।  

कायाकल्प अभियान के परिणाम स्वरूप साफ-सफाई में मानकीकरण, अस्पताल संक्रमण और एंटीबायोटिक उपयोग में कमी, मरीजों के संतुष्टि स्तर में सुधार जैसी उपलब्धियां परिलक्षित हो रही हैं। इससे शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं की ओ.पी.डी में निरंतर वृद्धि दर्ज हो रही है। प्रदेश में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य तथा पोषण सेवाएं प्रदाय कर बाल मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से दस्तक अभियान संचालित किया जा रहा है।   इसके प्रमुख घटक हैं : बीमार गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रींिनग एवं प्रबंधन, बच्चों में निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, बच्चों में दस्तरोग के नियंत्रण, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों की  पहचान, समस्त बच्चों में विटामिन ए अनुपूरण, बच्चों का टीकाकरण, समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति व्यवहार को बढ़ावा तथा एस.एन.सी.यू एवं एन.आर.सी में उपचार एवं फॉलोअप।  

जनसामान्य को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज तथा कैंसर जैसे गंभीर गैर संचारी रोगों के प्रति जागरूक बनाने, रोगियों की पहचान करने और उन्हें उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आरंभ इस अभियान का क्रियान्वयन “आरोग्यम” हैल्थ एण्ड वैलनेस स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। निरोगी काया अभियान के तहत प्रदेश में 35 लाख 22 हजार व्यक्तियों की स्क्रींिनग की गई है। डायबिटीज के 1 लाख 26 हजार, हाई ब्लड प्रेशर के 2 लाख 41 हजार और कैंसर के 992 मरीजों की पहचान कर उपचार आरंभ किया गया है।    

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