ग्वालियर। भिण्ड जिले के मेहगांव न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य न्यायधीष मनोज तिवारी ने 16 साल पूर्व षासन को गुमराह कर निजी भूमि में तालाब खोदने के मामले में तत्कालीन ग्राम पंचायत प्रतापपुरा के मजरा हीरापुरा के सरपंच को 11 साल की सजा एवं 52 हजार 500 रुपए का अर्थदण्ड भुगताए जाने का फैसला सुनाया है।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अकील खान ने आज यहां बताया कि ग्राम पंचायत प्रतापपुरा के मजरा हीरापुरा में तत्कालीन सरपंच मेघसिंह नरवरिया द्वारा वर्श 2001 में फरियादी सेवानिवृत सैनिक सरनाम सिंह को कृशि के लिए पट्टे पर दी गई जमीन क्रमांक 176 को खसरा पटवारी से प्राप्त कर उसके कॉलम नम्बर 3 में आरोपी ने तालाब षब्द का फर्जी इन्द्राज कर दिया था। इसके अलावा षासन के कर्मचारी व अधिकारियों को धोखा देकर स्वीकृति धनराषि व भूमि हडपने की नियत से कूटरचना कर षासकीय कार्यालय में पेष किए। इस दौरान जमीन को खुर्दबुर्द किए जाने के साथ-साथ फलदार वुक्षों को भी नश्ट कर दिया था। इसकी षिकायत सेवानिवृत सैनिक सरनाम सिंह नरवरिया ने गोरमी पुलिस को की ।तो पुलिस ने सरपंच मेघसिंह नरवरिया के खिलाफ धारा 420, 467, 468 उवं 471 के तहत मामला दर्ज कर चालान मेहगांव न्यायालय में पेष किया। जहां मेहगांव न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य न्यायधीष मनोज तिवारी ने फरियादी द्वारा पेष किए गए सबूत व पुलिस जांच के बाद आरोपी तत्कालीन सरपंच को दंण्डित किया गया।