ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के मेहगांव में पूर्व आत्म समर्पित दस्यु मोहर सिंह गुर्जर का निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार थे। वे मेहगांव में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं और 60 के दशक में मोहर सिंह पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस रिकॉर्ड में इन पर 315 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 85 हत्याओं के मामले भी थे। सभी मामलों में वे बरी हो गए थे। अपने क्षेत्र में उन्होंने गरीब परिवार की लड़कियों का विवाह कराने के साथ कमजोर लोगों की मदद करने जैसे कई काम किए, जिसके लिए उन्हें सब मोहर दद्दा कहकर बुलाते थे।

मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व राजस्थान में आतंक का पर्याय रहे 1960-70 के दशक में चंबल के बीहडों में मोहर सिंह की तूती बोलती थी। मोहर सिंह देश के सबसे बडे दस्यु सरगना थे। उनकी गैंग में 500 से ज्यादा मेंबर रहे है।

लोकनायक जयप्रकाश के सामने पूर्व दस्यु सम्राट मोहर सिंह ने आत्मसमर्पण किया था। बताया जाता है कि मोहर सिंह ने हालातों के चलते बीहड की ओर रूख किया था। जिसके बाद उनकी तूती पूरे देश में बोला करती थी। आत्मसमर्पण के बाद मोहर सिंह राजनीति और समाजसेवा से जुड गये थे।

मोहर सिंह के खाते में समाजसेवा में भी अग्रणी रहने का क्रेडिट जुड गया था। उन्होंने एक साथ एक सैकडा से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह कराकर पूरे देश में सुर्खियों बंटोरी थी। पूर्व दस्यु सम्राट इसके बाद भी नहीं रूके और मानव सेवा के काम लगातार आगे भी करते गये। मोहर सिंह ने इसके बाद राजनीति में भी हाथ आजमाया। समाजसेवा में अग्रणी रहने के चलते वह भिण्ड जिले के मेहगांव के नगर पंचायत अध्यक्ष भी बने।
92 साल के अपने जीवन में तमाम रूप देखने के बाद मंगलवार सुबह 9 बजे मोहर सिंह ने अंतिम सास ली। वह पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

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