भोपाल। पुलिस मुख्यालय में आने वाले कर्मचारी अपने छोटे मासूम बच्चों को ऑफिस में भी ला सकेंगे। इन बच्चों के लिए झूलाघर बनाया जा रहा है, जिसमें बच्चों के खेलने-कूदने की सुविधाओं के साथ देखरेख के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी होंगे। हालांकि इसके लिए अभी कर्मचारियों से सहमति मांगी जा रही है और पर्याप्त संख्या हो जाने पर जल्द ही यह शुरू हो जाएगा।

पुलिस मुख्यालय में काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके बच्चे छोटे और मासूम हैं। कर्मचारी उन्हें या तो अपने परिजनों के भरोसे छोड़कर आते हैं या फिर किसी आया के हवाले करके काम कर आते हैं। कल्याण शाखा के एडीजी एसएम अफजल का कहना है कि छोटी संतान होने के कारण उनके माता-पिता पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाते। जब उनके बच्चे पुलिस मुख्यालय परिसर में ही झूलाघर में रहेंगे तो वे लंच टाइम में कुछ समय उनके साथ बिता सकेंगे।

35 कर्मचारियों ने सहमति दी

झूलाघर को लेकर मंगलवार को कल्याण शाखा के अधिकारियों के साथ इच्छुक कर्मचारियों के साथ बैठक बुलाई थी, जिसमें 35 कर्मचारी शामिल हुए। झूलाघर के कम से कम 50 कर्मचारियों की सहमति आवश्यक बताई जा रही है। इससे कम संख्या होने पर झूलाघर का संचालन मुश्किल में पड़ सकता है।

कहां प्रस्तावित है झूलाघर

पुलिस मुख्यालय की पुरानी बिल्डिंग स्थित कैंटीन के हॉल में झूलाघर बनाने का प्रस्ताव है। एडीजी अफजल ने बताया कि जिस संस्था को झूलाघर संचालन की जिम्मेदारी देने की बातचीत चल रही है, उसे एक लाख रुपए प्रति माह देना पड़ेगा। बच्चे को झूलाघर में छोड़ने वाले कर्मचारियों से हर महीने दो हजार रुपए का शुल्क लेने का विचार है और ऐसी स्थिति में 50 से ज्यादा कर्मचारी होने पर ही इसका संचालन हो सकेगा। अफजल ने बताया कि झूलाघर का एक बार का स्थापना खर्च कल्याण शाखा उठाएगी, जिसमें बच्चों के खेल-खिलौने व अन्य संसाधन की खरीदी आदि होगा।

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