भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के आरक्षक भर्ती परीक्षा केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 31 दोषियों की सज़ा का ऐलान कर दिया है। भोपाल जि़ला अदालत स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 2013 में हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में शामिल 31 लोगों को 21 नवंबर को दोषी करार दिया था। इनमें अधिकांश परीक्षार्थी और दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले मुन्ना भाई हैं। इस केस में मुख्य सरगना ग्वालियर का प्रदीप त्यागी था, जो दलाल की भूमिका में था। इस मामले की सुनवाई 2014 से चल रही थी। सीबीआई के स्पेशल जज एसबी साहू ने सोमवार को सज़ा का फैसला सुनाया।
सीबीआई ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में सबसे पहले एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की थी। एसटीएफ को सूचना मिली थी आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षार्थी की जगह कोई और परीक्षा दे रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ की अलग-अलग टीमों ने भोपाल और दतिया के परीक्षा केंद्रों से छह-छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी दूसरे आवेदक के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। इनकी निशानदेही पर 12 आवेदकों को भी गिरफ़्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस केस की जांच शुरू की। उसने आरोपियों के खिलाफ नए सिरे से सबूत जुटाए और उनके खिलाफ सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश की। ये पूरा मामला पिछले पांच साल से कोर्ट में चल रहा है। यह पहला मौका है, जब व्यापम घोटाले के किसी केस में एक साथ इतनी संख्या में आरोपी दोषी करार दिए गए। इससे पहले व्यापम के कुछ दूसरे मामलों में भी कई दोषियों को सज़ा हो चुकी है।