इंदौर। राज्य सरकार शासन की देखरेख में चलने वाले विभिन्न देव स्थानों और मंदिरों के डेढ़ हजार पुजारियों को विशेष पर्व और त्योहारों पर की जाने वाली पूजा विधि, अनुष्ठान और कर्मकांड सिखाने जा रही है। उन्हें पंचांग पढ़ना भी सिखाया जाएगा।

प्रदेश का धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मध्यप्रदेश तीर्थस्थान एवं मेला प्राधिकरण के जरिये यह प्रशिक्षण देने जा रहा है। सरकार इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुजारियों की ज्ञान की क्षमता को बढ़ाना चाहती है। प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के सात केंद्रों का चयन किया गया है।

इनमें इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा शामिल हैं। इन केंद्रों पर पुजारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। ये दो दिवसीय प्रशिक्षण 15 जुलाई से शुरू होगा। प्राधिकरण ने प्रशिक्षण स्थल, पुजारियों के ठहरने आदि का इंतजाम करने की जिम्मेदारी संबंधित केंद्र के कलेक्टरों को सौंपी है।

प्रशिक्षक आचार्यों और पुजारियों को मिलेगी ये सुविधा

– प्रशिक्षण देने वाले आचार्य और विद्वानों को आने-जाने का किराया और मानदेय दिया जाएगा। उनके ठहरने और भोजन का इंतजाम मुफ्त किया जाएगा।

– पुजारियों को भी प्रशिक्षण केंद्र पर आने-जाने का किराया दिया जाएगा। उनके भी ठहरने और भोजन का इंतजाम निशुल्क किया जाएगा।

– प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जिससे वे पूजा, अनुष्ठान और कर्मकांड के जानकार कहलाएंगे।

पुजारियों को यह बताया जाएगा

– मंदिर में भगवान की प्रभात आरती, भोग आरती और शयन आरती कैसे की जाती है।

– शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे विशेष पर्व पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा किस तरह की जाती है। इसकी जानकारी भी पुजारियों को दी जाएगी।

– इसके अलावा छोटे-मोटे अनुष्ठान जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ, अभिषेक, भूमिपूजन, वास्तु पूजन, वाहन पूजन करना भी सिखाया जाएगा।

– कुछ पुजारियों को पंचांग देखना नहीं आता इसलिए प्रशिक्षण में पंचांग देखना भी बताया जाएगा।

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