इंदौर । पाकिस्तान से आई मूक-बधिर गीता के स्वयंवर में दूसरे दिन शुक्रवार को आने वाले 6 उम्मीदवारों में से 2 युवक ही पहुंचे। मुंबई और जयपुर से परिवार सहित आए दोनों युवकों से गीता ने मुलाकात की लेकिन अब भी फाइनल पसंद नहीं बताई। गीता ने स्पष्ट कर दिया कि मेरा दूल्हा कम से कम ग्रेजुएट, खुद का मकान, 35 साल से बड़ा नहीं और शहर में रहने वाला हो। उसने मूक-बधिर या सामान्य लड़के से ही विवाह करने की बात कही। अस्थिबाधित युवकों के लिए इंकार कर दिया।
मुंबई से दीदी व जीजा के साथ आए मूक-बधिर रजनीकांत चतुर्वेदी ने कहा कि गीता ने उनसे ज्यादा बातचीत नहीं की। सिर्फ यही पूछा कि कितने कमरे का मकान है और कहां तक पढ़ाई की है। रजनीकांत ड्रेस डिजाइनिंग करते हैं। वहीं जयपुर से गौरव अजमेरा के साथ उनकी मूक-बधिर बड़ी बहन व मूकबधिर जीजा और मां आई थी।
बहन बैंक में अधिकारी है, जबकि गौरव जयपुर में मॉल संचालक है। गौरव व उसके परिवार से गीता की करीब आधा घंटा मुलाकात हुई। मां पुष्पा अजमेरा ने कहा हम मूकबधिर बच्चों की समस्या अच्छे से समझते हैं। हम यहां शादी तय करने के इरादे से नहीं आए। अगर गीता नहीं चाहती है तो कोई बात नहीं। बेटे के लिए कई रिश्ते अभी भी आए हुए हैं, हम उन पर विचार करेंगे।
जल्दबाजी में फैसला नहीं, अभी विचार करेगी –
गीता ने जीवनसाथी की पसंद के बारे में कहा कि शादी में जल्दबाजी में फैसले नहीं लिए जाते हैं। अभी वह अच्छे से देखेगी, फिर विचार करेगी। गीता ने अपने चयन के मापदंड बताए कि वह पढ़ा-लिखा, मूक-बधिर, शहरी और खुद के मकान व गाड़ी वाला लड़का चाहती है जो आर्थिक रूप से भी सक्षम हो। गीता से जब उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा गया तो बताया कि अभी वह बुनियादी शिक्षा ले रही है। अब सीधे पांचवीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होगी। गीता ने कहा कि जो भी निर्णय होगा, वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक सूचना पहुंचा देगी। वे बेहतर निर्णय लेंगी। जैसा वे कहेंगी, वह उनके आदेश का पालन करेगी।
मीडिया पर भड़की –
शुक्रवार को परदेशीपुरा स्थित समाज कल्याण परिसर में पहुंचते ही गीता मीडिया पर भड़क गई। उसने अपने लिए वर तलाशने में समन्वयक बने पुरोहित दंपती पर गुस्सा जताया। उसने सांकेतिक भाषा में कहा कि ज्ञानेंद्र पुरोहित मीडिया में उसके फोटो व सूचना देते हैं, इससे उसका दिल दुखता है। वह हंसी का पात्र बन गई है। ऐसे आरोप लगने के बाद पुरोहित दंपती बाहर से ही कार्यक्रम छोड़कर चले गए। गीता के मीडिया पर भड़कने से मीडिया ने भी गीता पर सवालों की झड़ी लगा दी। इसके बाद उसने खुद को संभाला और मीडिया से माता-पिता को ढूंढने में सहयोग की अपील की।
गीता के केस से खुद को अलग किया –
ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा कि ढाई साल से वे गीता के लिए परेशान हो रहे हैं। पाकिस्तान में रहने के दौरान उससे लगातार वीडियो कॉल से संपर्क में थे। वह भारत में एकमात्र उन्हें जानती थी लेकिन यहां आने के बाद उसके तेवर ही बदल गए। अब तक उनकी गीता से 3 बार मुलाकात हुई है। वह कभी उन्हें पहचानने से इंकार कर देती है, कभी उनके सामने फूट-फूटकर रोती है तो कभी उन पर आरोप लगाती है। इस तरह की बातें वे नहीं सहेंगे। गीता के केस से अब वे खुद को अलग कर रहे हैं।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय को भी जानकारी दी जाएगी। दंपती ने कहा कि गीता को मानसिक उपचार व काउंसलिंग की जरूरत है, ताकि वह सही-गलत की समझ ठीक से कर सके। अगर सरकार उन्हें गीता की कस्टडी दे देती तो दावा है कि जो काम ढाई साल में नहीं हुआ, वे ढाई दिन में माता-पिता ढूंढकर बताते। संस्था के माध्यम से अब तक 80 गुम मूक-बधिर बच्चों को घर पहुंचा चुके हैं।
जल्दी बताए नहीं तो दूसरी लड़कियां देखें –
इधर, टीकमगढ़ से गुरुवार को गीता से मिलने आए अरुण नामदेव शुक्रवार को दोबारा आए। वे एक्साइज विभाग में कार्यरत हैं। अफसरों को अरुण बेहतर विकल्प लगे तो उन्हें दूसरे दिन भी मुलाकात के लिए बुलाया था। दूसरे दिन भी कोई खास तवज्जो नहीं मिलने से वे नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि गीता का जो भी फैसला हो, वह जल्दी बताए नहीं तो दूसरी लड़कियां देखें।
सलमान का जिक्र होते ही जोश में आई –
शुक्रवार को एक बार फिर सलमान खान की बात उठी। सलमान का जिक्र होते ही गीता जोश में आ गई। उसने कहा उसकी सलमान खान से मिलने की दिली तमन्नाा है। एक बार तो उन्हें मुझसे मिलने आना चाहिए। उसने कहा कई मूक-बधिर बच्चे हैं, जिन्हें पढ़ाई में आर्थिक मदद की जरूरत है तो उन्हें आकर बच्चों से भी मुलाकात करना चाहिए। उसके साथ-साथ जल्दी फैसला बताए, नहीं तो दूसरी लड़कियां देखें दूसरे भी बच्चे खुश हो जाएंगे।