बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अगले सप्ताह रूस में एक क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इसमें उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और जापान एवं दक्षिण कोरिया के प्रमुख भी शामिल हो सकते हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11-13 सितंबर को व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम में भाग लेने के लिए किम को आमंत्रित किया है.

किम का आना होगी बड़ी बात
किम ने इसमें भाग लेने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन अगर वह आते हैं तो यह परमाणु कार्यक्रम को लेकर अलग-थलग पड़ने के बाद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में शामिल होने के उसके प्रयासों में अहम कदम साबित होगा. एक संवाददाता सम्मेलन में शी की यात्रा की घोषणा करते हुए चीनी अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी नहीं की कि शी का सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करने का कार्यक्रम है या नहीं. शी और किम ने इस साल चीन में तीन बार मुलाकात की थी.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी आएंगे
शी उत्तर कोरिया की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर इस सप्ताहांत चीन की विधायिका के प्रमुख ली झांगशू को वहां भेज रहे हैं. इसी के साथ इन अटकलों पर विराम लग गया कि चीनी राष्ट्रपति इस मौके पर पड़ोसी देश की पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी रूस में होने वाले सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है.

ट्रंप ने किम जोंग उन की तारीफ की
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनमें विश्वास जताने के लिए उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की गुरूवार को तारीफ की. ट्रंप ने ट्वीट किया, उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन ने राष्ट्रपति ट्रंप में अटूट विश्वास जताया है. चेयरमैन किम को धन्यवाद. हम साथ मिलकर उसे पूरा करेंगे. किम ने गुरूवार को कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग ईयू-योंग ने बुधवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन की चिट्ठी किम को सौंपी.

ट्रंप के उत्तर कोरिया पर ‘गैरजिम्मेदाराना तर्क’ पर चीन ने दिखाई आंख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर उत्तर कोरिया के साथ उसके रिश्तों को मुश्किल भरा बनाने के आरोप के बाद बीजिंग ने गुरुवार को अमेरिकी तर्क को ‘‘गैर जिम्मेदाराना और बेतुका तर्क’’ बताकर उसका उपहास किया. ट्रंप ने यह कहकर अपने तर्क की पुष्टि करनी चाही कि चीन शीत युद्ध के दौर के अपने सहयोगी पर नियंत्रण करने में मदद नहीं कर रहा है. यह आरोप पहली बार तब लगाया गया था, जब उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के इस हफ्ते प्रस्तावित उत्तर कोरिया यात्रा को रद्द कर दिया था.

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