राजगढ़ | पशुपालक अपने पशुओं को आवारा नहीं छोड़े। गौवंशीय पशुओं के राष्ट्रीय राज मार्गों, राज्य मार्गों और शहर की सड़कों पर बैठने के कारण सडक दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ती है। स़डक दुर्घटना में पशुधन हानि अथवा जन हानि का अंदेशा रहता है। पशु पालक अपने पशुओं को बांधकर नही रखते हैं तो उनके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा की जा जाएगी। यह बात यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री आनन्द कुमार शर्मा के निर्देशानुसार स़डक पर सुरक्षित आवागमन के मद्देनजर जिले के समस्त नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी और गौशाला प्रबंधकों की संयुक्त बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री इलैया राजा टी ने कही। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर पशु कल्याण अधिकारी भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड श्री लक्ष्मीनारायण चौहान सहित जिले के समस्त गौशाला प्रबंधक, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. ओ.पी. वर्मा मौजूद थे।
बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को श्री राजा ने निर्देशित किया कि वे स़डको पर बैठने वाले आवारा गौवंशीय पशुओं को गौशालाओं में भेंजे और गौशाला प्रबंधक इन पशुओं को अपने यहां रखने से मना नही करें। सरकार गौशाला संचालन के लिये अनुदान देती है।
उनहोंने गौशाला प्रबंधकों से कहा कि सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान गौशालाओं के व्यवस्थित संचालन के लिये सहयोग है। गौशाला प्रबंधक पूर्णतः सरकार पर निर्भर नहीं हो। गौशालाएं वैज्ञानिक तरीके से संचालित करें , कम्पोस्टजैविक खाद बनाएं, गौशालाओं के संचालन के आय का जरिया ब़ढाएं और आत्म निर्भर हों।
इस अवसर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को आवारा गौवंशीय पशुओं को स़डक से हटाने, अस्थाई स्थलों पर सुरक्षित रखने के लिये स्थलों का चिन्हांकन करने तथा अपनी जिम्मेवारी संवेदनशीलता के साथ निर्वहन करने के निर्देश दिए गए।