मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सौर ऊर्जा भविष्य की नहीं, अब वर्तमान की ऊर्जा बन गई है। मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में पूरे देश में पहचान बनाई है। श्री चौहान आज यहां मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के भवन पर स्थापित प्रदेश के पहले 200 किलोवाट क्षमता के शासकीय रूफटॉप सोलर ऊर्जा संयत्र का शुभारंभ कर रहे थे। एक करोड़ बीस लाख रुपये लागत से स्थापित इस संयंत्र में बिजली बनना शुरू हो गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिये सोलर एनर्जी एकमात्र प्रभावी विकल्प है। शासकीय भवनों में सोलर पैनल से सौर ऊर्जा उत्पादन करने का काम शुरु हो गया है। सोलर ऊर्जा संयत्र की लागत तीन चार साल में ही वसूल हो जाती है। उन्होंने कहा कि रीवा में दुनिया का पहला ऐसा सोलर एनर्जी प्लांट लगाया गया है, जिसमें ऊर्जा उत्पादन की लागत दो रूपये 97 पैसे प्रति यूनिट है।

श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये हर नागरिक एक पौधा जरूर लगाये और उसकी रक्षा करे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने और जीवन बचाने की यह शुरूआत है। प्रदेश में 15 जुलाई से पौधा रोपण अभियान शुरु हो रहा है। उन्होंने स्कूलों में फर्नीचर देने और अधोसंरचना बढ़ाने के काम करने के लिये माध्यमिक शिक्षा मंडल की सराहना की। उन्होने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल तीन स्कूल और संचालित करेगा। उन्होंने पांच सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले स्कूलों को पुरस्कृत करने की पहल करने के लिये मंडल की प्रशंसा की। श्री चौहान ने इस अवसर पर माध्यममिक शिक्षा मंडल के उत्कृष्ट काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री आर.एस. मोहंती ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से आज मध्यप्रदेश सोलर ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में देश में पहले स्थान पर आ गया है। उन्होने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बच्चों को विभिन्न ऑनलाइन सुविधाएं उपलबध करवाई हैं और अब शासन की नीति का लाभ उठाते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन में भी पहल की है ।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के उपाध्यक्ष श्री भागीरथ कुमरावत, सदस्य श्री भावसार, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड मुखर्जी और आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत उपस्थित थे।

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