तेंदूखेड़ा, पन्ना । सागर और दमोह जिले की सीमा के नौरादेही अभयारण्य में बसे 88 गांव का राजपाट अब पन्ना रिजर्व की बाघिन को मिल गया है। अब वह यहां रानी बनकर राज करेगी। तीन वर्षीय इस बाघिन को गुरुवार सुबह पन्ना रिजर्व से शिफ्ट कर नौरादेही अभयारण्य में एक बाड़ बनाकर छोड़ दिया गया है। उसकी खुराक पूरी करने के लिए कुछ जानवरों को भी छोड़ा गया है, ताकि वह आसानी से शिकार कर अपनी भूख मिटा सके।

गौरतलब हो कि नौरादेही अभयारण बनने में सागर व दमोह जिले के 88 गांव आते हैं। इस क्षेत्र से इन गांव का विस्थापन करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी दमोह जिले के 24 गांव में से मात्र तीन गांव का ही विस्थापन हो पाया है।

सागर जिले की सीमा में आने वाले भी कई गांव विस्थापन के लिए बाकी हैं। वर्तमान में नौरादेही अभयारण्य के जंगल में बसे गांव में आज भी लोग रह रहे हैं। हालांकि अभी बाघिन को एक बाड़े में रखा गया है, ताकि वह वहां के माहौल में घुलमिल सके।

वहीं दूसरी तरफ वन अधिकारियों ने गांव के लोगों को बाघिन के पहुंचने की सूचना देना शुरू कर दिया है, साथ ही उन्हें जंगली क्षेत्र में न जाने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं। कुछ दिनों बाद बाघिन को जंगल में खुला छोड़ दिया जाएगा और बाघिन अपने मनमाफिक ढंग से रहकर इस क्षेत्र में राज करेगी।

खबर ये भी है कि बाघिन का अकेलापन दूर करने के लिए पन्ना रिजर्व से एक बाघ भी यहां छोड़े जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस बाघिन को दमोह जिले की सीमा के दूडिया गांव से 5 किमी दूर सागर जिले की सीमा में छोड़ा गया है।

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