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इंदौर । भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ‘पद्मावत’ की रिलीज को लेकर फैसला दिया हो लेकिन हम सिनेमाघरों में फिल्म नहीं लगने देंगे। करणी सेना सिनेमा हॉल के भीतर और बाहर जनता कर्फ्यू लगाएगी।

यह बात गुरुवार को राजपूत करणी सेना प्रमुख के प्रमुख लोकेंद्रसिंह कालवी ने कही। इंदौर आए कालवी ने कहा कि सामाजिक संगठनों और जनता से भी हम अपील करेंगे कि वे फिल्म देखने न जाए। ‘जोधा अकबर’ के समय भी सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा ही फैसला दिया था लेकिन तब राजस्थान के सिनेमाघरों में फिल्म नहीं लगी।

‘पद्मावत’ का मुद्दा सिर्फ राजस्थान का नहीं है। 70 साल से फिल्मों में ठाकुर-राजपूतों को व्यभिचारी, बलात्कारी, शराबी-कबाबी की तरह पेश किया जाता रहा है। राजपूतों की छवि फिल्मों में गलत पेश की जाती है। उनसे जुड़ा किरदार घोड़े और खुली जीप में घूमता है। फिल्म की शुरुआत में हंटर मारता हुआ है और अंत में जीप के पीछे घसीटा गया दिखाया जाता है।

‘पद्मावत’ को लेकर फिल्म निर्माता द्वारा दी गई सफाई पर कालवी ने कहा- हम भंसाली पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। उन्हें खुद पता नहीं कि वे क्या बना रहे हैं। उन्होंने सर्टिफिकेट इतिहास पर आधारित फिल्म के लिए चाहा था, जबकि उन्हें जायसी की ‘पद्मावत’ से प्रेरणा ली हुई कथा पर सर्टिफिकेट मिला है। कालवी ने कहा- हमें किसी पर विश्वास नहीं है और अब हम किसी से आशा नहीं रख रहे हैं। हमें अपने स्तर पर फिल्म को बैन करना है। इस फिल्म को आठ मुख्यमंत्री बैन कर चुके हैं।

आखिर उन्होंने ऐसा फैसला जनता की भावना को ध्यान में रखकर लिया था। सुप्रीम कोर्ट को भी जनता की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए था। हम जनता की अदालत में जाएंगे। फिल्म के विरोध के पीछे करणी सेना की छवि खराब किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- हमारा नाम है तो हम थोड़े बदनाम होने को भी तैयार हैं। हमारी मांग पहले भी यही थी कि फिल्म बैन होना चाहिए और अब भी हम अपनी मांग पर कायम है।

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