प्रदेश में चार लाख पंचायत प्रतिनिधियों को बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय में 4 हजार रूपये, जनपद अध्यक्ष के मानदेय में 4,500 रूपये और सरपंचों के मानदेय में 5 गुना वृद्धि की गयी है। सभी पंचायतों में लेखापाल और जूनियर इंजीनियर उपलब्ध करवाये जायेंगे। सभी ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत बनाया जायेगा। इसके लिये एक-एक लाख रूपये उपलब्ध करवाये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह महत्वपूर्ण घोषणाएँ आज यहाँ विशाल जम्बूरी मैदान में ग्रामोत्थान के लिये संवाद और त्रि-स्तरीय पंचायत राज के प्रतिनिधियों की महापंचायत को संबोधित करते हुए कीं।

 

पंचायत प्रतिनिधि वर्तमान मासिक मानदेय मासिक वृद्धि की घोषणा अब मिलेगा मानदेय

अध्यक्ष जिला पंचायत 

7000 4000 11000

उपाध्यक्ष जिला पंचायत

6000 3500 9500

सदस्य जिला पंचायत

4000 500 4500

अध्यक्ष जनपद पंचायत

 2000 4500 6500

 उपाध्यक्ष जनपद पंचायत

1600 2900 4500

सदस्य जनपद पंचायत

1200 300 1500

सरपंच, ग्राम पंचायत

350 1400 1750

पंच

प्रति बैठक 100 रूपये प्रति बैठक 100 रूपये

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत राज संस्थाओं को सशक्त बनाकर प्रतिनिधियों को अधिकार सम्पन्न बनाते हुए प्रदेश की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को गतिशील बनाया जायेगा। उन्होंने सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों से आव्हान किया है कि वे गाँव में युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिये प्रेरित करें। राज्य सरकार रोजगार स्थापित करने के लिये बैंकों को गारंटी देगी और 5 प्रतिशत ब्याज भी भरेगी। इसके अलावा 50 हजार रूपये तक के रोजगार स्थापित करने पर मार्जिन मनी दी जायेगी। गाँव के हर बच्चे को स्कूल भेजने और ग्राम विकास का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि चुनी हुई पंचायतें सर्वोपरि हैं।

मुख्यमंत्री ने सरपंचों को 5 लाख रूपये लागत तक के विकास कार्य स्वीकृत करने के अधिकार को बढ़ाकर 10 लाख रूपये स्वीकृत करने की घोषणा की। पंचायत भवन निर्माण की लागत राशि 15 लाख रूपये करने और अनाबद्ध राशि 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की। राज्य सरकार का उद्देश्य पंचायतों को आधुनिक बनाना है जिससे राजधानी और ग्राम पंचायतों का सीधा संवाद हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों को पूरे मान-सम्मान और गरिमा के साथ काम करने में आने वाली प्रशासनिक बाधाओं को समाप्त कर दिया जायेगा। श्री चौहान ने सरपंचों से बच्चों को स्कूल भेजने, टीकाकरण सुनिश्चित करवाने का संकल्प लेने का आव्हान किया। सरपंचों की माँग पर उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर काम करने वाली समितियाँ ग्राम पंचायत के अधीन होंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पंचायतों के हिसाब-किताब में थोड़ी बहुत कमी रहने के कारण धारा 40 के अंतर्गत कार्रवाई का खतरा बना रहता है, अब इसे समाप्त कर दिया जायेगा। साथ ही पंचायतों के लिये लेखापाल की व्यवस्था भी की जायेगी और विकास कार्यों के आंकलन के लिये जूनियर इंजीनियर की कमी को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जायेगा। उन्होंने जिला और जनपद पंचायतों में उपलब्ध राशि का समय पर पूरा उपयोग करने का भी आग्रह किया। मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी की राशि समय पर भुगतान करवाने की चर्चा करते हुए उन्होंने विकासखण्ड स्तर पर मजदूरी का भुगतान कराने की व्यवस्था करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री आवास मिशन के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा प्रकरण स्वीकृत करने और ग्राम सभाओं की नियमित बैठकें आयोजित करने पर भी ध्यान देने को कहा। आदर्श पंचायतों की स्थापना करने का संकल्प दोहराने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँव में नयी शराब की दुकान नहीं खुलने दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लगातार दो साल तक भारत सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत नहीं करने की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के असहयोग के बावजूद गाँवों का विकास पिछड़ने नहीं दिया जायेगा। राज्य के अपने संसाधनों से सड़क निर्माण जारी रहेगा। गांव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के अटल ज्योति अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ही महीनों में प्रदेश के सभी गाँव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध होगी। जबलपुर से यह शुरूआत हो गयी है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पंचायतों की तुलना प्राथमिक शालाओं से करते हुए कहा कि पंचायतों को मजबूत किये बिना देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की महापंचायत का आयोजन न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि देश के लिये ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि गाँव, गरीब और किसान का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि और इसके लिये राष्ट्रपति द्वारा कृषि कर्मण अवार्ड दिये जाने की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पंचायतों को और ज्यादा मजबूत बनाने की योजनाएँ भी संचालित हो रही हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि केन्द्र सरकार पर निर्भर न रहते हुए राज्य ने अपने संसाधनों से नवाचारी योजनाएँ लागू की हैं। इस साल मुख्यमंत्री आवास मिशन के अंतर्गत डेढ़ लाख ग्रामीण आवास बनाये जायेंगे और इतनी ही संख्या में अगले साल भी आवास बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जहाँ पंच परमेश्वर योजना में गाँव की आंतरिक अधोसंरचना को सुधारने की पहल की गयी है। इंदिरा आवास योजना में प्रदेश को मात्र 84 हजार आवास इकाइयों के आवंटन को न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के प्रति अन्याय बताते हुए कहा कि केन्द्र के असहयोग के चलते राज्य को अपने संसाधनों से नई योजनाएँ बनानी पड़ी। अगले साल भी पंच परमेश्वर योजना में 14 अरब रूपये का प्रावधान किया जायेगा। सरपंचों के परामर्श के बाद ही सचिवों के स्थानांतरण करने की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने सरंपचों से मर्यादा अभियान, सी.सी. रोड निर्माण, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन पर ध्यान देने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत बतायी।

पंचायत राज्य मंत्री श्री देवसिंह सैयाम ने पंचायतों को अधिक अधिकार सम्पन्न बनाने की जरूरत बतायी।

इस अवसर पर पशुपालन, नवीनीकृत ऊर्जा मंत्री श्री अजय विश्नोई, उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री नानाभाऊ मोहोड़, अनुसूचित जाति राज्य मंत्री श्री हरिशंकर खटीक, मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम, जिला एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, सरपंच सहित 70 हजार से अधिक ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किये गये नवाचारों और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयुक्त प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। पंचायत पदाधिकारी संघ भोपाल ने नवाचारी योजनाओं के लिये मुख्यमंत्री की सराहना की और अभिनंदन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष अशोकनगर श्री मनप्रीत ने अभिनंदन-पत्र का वाचन किया।

पंचायत पदाधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन, योजना, पंच परमेश्वर योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री आवास मिशन, पेयजल योजना जैसे अभिनव प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री का सम्मान किया।

अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने बताया कि मनरेगा में प्रदेश में 58 प्रतिशत ग्रामीण परिसम्पत्तियों का निर्माण हुआ, जो अन्य प्रदेशों से ज्यादा है। आयुक्त पंचायत राज श्री विश्वमोहन उपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया।

सागर की मकरोनिया ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती लता वानखेड़े ने सुझाव दिया कि राज्य और केन्द्र की ग्रामीण विकास की राशि का 40 प्रतिशत पंचायतों के माध्यमं से खर्च होना चाहिये। मनरेगा में स्वीकृत कार्यों की राशि एक हफ्ते में जारी होना चाहिये। कानूनी मामलों में ग्राम पंचायतों को वकील की सेवाएँ लेने के अधिकार होना चाहिये।

मुंगावली जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री जगन्नाथ सिंह ने सुझाव दिया कि जनपद पंचायतों को पेयजल सुविधाओं के लिये अलग से बजट उपलब्ध करवाया जाना चाहिये और ग्राम पंचायतों के खातों में सीधे राशि दी जाना चाहिये। उन्होंने जनपद पंचायतों को और अधिक वित्तीय अधिकार देने की बात की। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर होने वाली सभी नियुक्तियाँ सामान्य सभा के माध्यम से होना चाहिये।

जिला पंचायत अध्यक्ष सीहोर श्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों का मान-सम्मान बढ़ाया है। पंच परमेश्वर जैसी योजनाओं के माध्यम से पंचायतों की गरिमा का भी ख्याल रखा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरदार नगर (बुधनी), जसवाड़ी (खण्डवा) और मोहनपुरा (झाबुआ) ग्राम पंचायतों की वेबसाईट का लोकार्पण किया। आयुक्त मनरेगा श्री रवीन्द्र पस्तोर ने आभार प्रदर्शन किया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *