भिण्ड। मध्यप्रदेश के भिण्ड मेंसकल जैन समाज द्वारा दिगंबर जैन नसिया मंदिर परिसर में पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 18 नंवबर को 1 करोड 50 लाख रुपए की लागत से बने मध्यप्रदेश के तीसरे नंदीश्वर दीप जिनालय में 157 जिन प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। जिसके साथ ही यह मंदिर ग्वालियर-चंबल संभाग का पहला ऐसा मंदिर होगा जहां एक साथ 152 संगमरमर और 5 अष्टधातु की जैन प्रतिमाएं विराजित होंगी।

नसिया जैन मंदिर कमेटी के सदस्य मनोज जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2011 में आर्यिका ज्ञानमति माताजी का भिण्ड आगमन हुआ था। उस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और तीर्थ क्षेत्र सोनागिर की तरह नसिया मंदिर परिसर में नंदीश्वर दीप जिनालय की इच्छा जाहिर की थी। माताजी की इच्छा के चलते सकल जैन समाज ने वर्ष 2014 में जिनालय निर्माण की नींव रखी थी।

जिनालय में 18 नवंबर को सिद्ध भगवान की 157 प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इन मूर्तियों पर कोई चिह्न अंकित नहीं होगा। वहीं 157 में से 152 प्रतिमाओं की ऊंचाई 7 इंच, 11 इंच और 15 इंच है। जिनका निर्माण जयपुर में कराया गया है। इसके अलावा भगवान आदिनाथ, चंदप्रभु, शांतिनाथ, पाशर्््वनाथ और महावीर स्वामी की पांच अष्टधातु की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी।

पंचकल्याणक महोत्सव के अवसर पर 157 प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज 18 नवम्बर को एक-एक कर के सभी मूर्तियों के कान में सूर्य मंत्र पढेंगे। जैन धर्म में ऐसी मान्यता है कि किसी प्रतिमा के कान में सूर्य मंत्र पढने से वह सिद्ध हो जाती है। उसके बाद श्रद्धालु उसकी पूजा कर सकते हैं।

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