जबलपुर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार डॉ. पंकज त्रिवेदी को सात प्रकरणों में हाईकोर्ट से जमानत का लाभ मिल गई है। पूर्व में उन्हें चार प्रकरणों में जमानत का लाभ मिला चूका है। एक प्रकरण में जमानत नहीं मिलने के कारण उनकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ नहीं हुआ है।
व्यवसायिक परीक्षा मंडल के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. पंकज त्रिवेदी के खिलाफ जांच एजेंसी एसटीएफ ने व्यामंप घोटालें के संबंध में 12 अपराधिक प्रकरण दर्ज किए थे। जिसमें से पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाला वर्ष 2012 व 2013 तथा संविदा शिक्षक वर्ग-2 तथा 3 के मामलों में हाईकोर्ट से पूर्व में जमानत का लाभ मिल गया था। हाईकोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस राजेन्द्र मेनन व जस्टिस ए के श्रीवास्तव की युगलपीठ ने आरोपी पंकज त्रिवेदी को प्री पीजी 2012,पीएमटी 2012,आरटीओ भर्ती घोटाला,सब इस्पेक्टर भर्ती घोटाला,नापटोल भर्ती घोटाला,दुग्ध संघ भर्ती घोटाला व डाटा एंट्री मामलें में जमानत का लाभ प्रदान किया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनिल खरे व अधिवक्ता नम्रता केसरवानी ने युगलपीठ को बताया कि जांच एजेंसी एसटीएफ ने जांच पूरी कर न्यायालय में चालान पेश कर दिया था। सीबीआई पिछले वर्ष से जांच कर रही है। आरोपी विगत तीन वर्षों से न्यायिक अभिरक्षा में हैं और उक्त प्रकरण के अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ मिल चुका है।
युगलपीठ ने अपने आदेश में आरोपी को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए यह शर्त रखी है कि आरोपी अपना पासपोर्ट व आधार कार्ड ट्रायल कोर्ट में जमा करवाए। इसके अलावा ट्रायल कोर्ट की अनुमति लिए बिना जिले से बाहर नहीं जाए। 15 दिनों की निर्धारित समय सीमा में जांच एजेंसी सीबीआई के समक्ष उपस्थिति दर्ज करवाए।पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर सीबीआई के समक्ष उपस्थित हो।पीएमटी घोटाला 2013 के मामलें में भी पंकज त्रिवेदी आरोपी है।इस प्रकरण में उन्हें जमानत नहीं मिल है।जिसके कारण उनकी रिहाई का रास्ता साफ नहीं हुआ है और वह न्यायिक अभिरक्षा में रहेंगे।