ग्वालियर। प्रशासनिक न्यायाधीश, म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर मा. न्यायमूर्ति श्री यूसी माहेश्वरी ने कहा है कि भिण्ड जिले के नागरिको के लिए न्याय दिलाने की कडी में नया एडीआर भवन काफी उपयोगी होगा। जिसमें सुलह और समझौता के अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। वे कल उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री खांडवेकर के निर्देश पर जिला न्यायालय भिण्ड के परिसर में 70 लाख 35 हजार रूपए की 13 वें वित्त आयोग की राशि से नवनिर्मित एडीआर भवन के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मा.न्यायमूर्ति श्री रोहित आर्या पोर्टफोलियो न्यायाधीश जिला भिण्ड ने की।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएस गर्ग, जिला कलेक्टर इलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, जिला अभिभाषक संघ भिण्ड के अध्यक्ष नरेन्द्र चौधरी, स्टेट बार कोन्सिल के सदस्य जयप्रकाश मिश्रा एवं जितेन्द्र शर्मा, एडीएम आरपी भारती, विशेष न्यायाधीश डॉ शिव कुमार मिश्रा, एडीजे योगेश कुमार गुप्ता, डॉ0 कुलदीप जैन, उमेश पाण्डव, मोहम्मद सकील खान, पवन कुमार शर्मा, दिनेश चन्द्र थपलियाल, पी0सी0 आर्य, जिला रजिस्ट्रार मोहम्मद अरशद, मुुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी धनराज दुबेला, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय बालकृष्ण जाटव, उपस्थित थे।
मा. न्यायमूर्ति एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूसी महेश्वरी ने कहा कि प्रजातंत्र शासन प्रणाली में न्याय पालिका की महति भूमिका है। जिसके अन्तर्गत प्रदेश के जिलो में एडीआर भवनो का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भिण्ड जिले के नागरिको को नवनिर्मित एडीआर भवन के माध्यम से न्याय की दिशा में अधिक से अधिक सुविधाऐं दिलाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि अभिभाषक और न्यायाधीश पक्षकारों की व्यथा एवं दुख को सुनते हुए इस भवन में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से न्याय दिलाने में सहायक होगें। साथ ही पारदर्शी न्याय दिलाने से समाज में न्याय पालिका की प्रतिष्ठा बडेगी। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका न्याय की देवी है व न्यायालय भवन में गर्वगृह के रूप में विद्यमान रहते हुए ईमानदारी से न्याय दिलाने में सहायक होती है।
इस भवन में पति-पत्नी के संबंध विछेद के मामलो में न्याय का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंतर मन से सोचकर साफ-सुथरी नियत के द्वारा विवादो को निपटाए। साथ ही विश्वानंद जी महाराज की परिभाषा को साकार करने की पहल की जावे। उन्होंने कहा कि डीजे एसएस गर्ग की पहल पर 193 प्रकरणो का निराकरण आपसी सुलह एवं समझौता से कराया गया है। जिसके लिए वे पूरी टीम के साथ बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि वार एसोशिएशन भिण्ड एवं मुरैना की क्रेडिट से अच्छे जज प्रदान करने की पहल की गई है। इसीप्रकार की व्यवस्था की दिशा में पढत-पढत अभ्यास की व्याख्याता करते हुए कहा कि अभिभाषक समाज को नई दिशा देने के लिए अपनी पहचान बना सकते है। साथ ही समाज के सुरक्षा कवच के रूप में अपना नाम रोशन कर सकते है। इस दिशा में अभिभाषक सत्य बोलते हुए न्याय की दिशा में अपनी नेतृत्व क्षमता को निखारने में सहायक हो सकते है।
मा.न्यायमूर्ति एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष रोहित आर्या ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि न्याय पालिका में अभिभाषक एवं न्यायाधीश का महत्वपूर्ण रोल है। जिनके माध्यम से न्याय प्रदान करने की दिशा में अपनी भूमिका का निर्वहन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के मामलो को सुलझाने मंे नवनिर्मित एडीआर भवन उपयोगी सिद्व होगा। इसलिए पक्षकारों को अच्छी शिक्षा देते हुए पारदर्शी फेसले देने की दिशा में कदम उठाए जावे। उन्होंने कहा कि सन 1947 में इंडेशिएन एक्ट के अन्तर्गत श्रम विवादों को निपटाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाती थी। जिसमें सेक्सन 18 और 12 को अमल में लाया जाता था। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में पति-पत्नी के पारिवारिक विवादों को सुलझाने और उनको विधिक सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में एडीआर भवन काफी कारगर सिद्व होंगा। जिसमें अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के माध्यम से किया जावेगा।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएस गर्ग ने कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एडीआर भवन का निर्माण 70 लाख 35 हजार रूपए की लागत से 13वें वित्त आयोग से पूरा कराया गया है। इस भवन में सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण, लोक अदालत, मीडियेशन, मीटिंग एवं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग, पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर के लिए पृथक-पृथक सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले नियमित मासिक लोक अदालत और नेशनल तथा मेगा लोक अदालत के अलावा सभी मध्यस्थतम कार्यवाही इस भवन में नियमित रूप से की जावेगी। साथ ही एडीआर भवन के लिए 14 वें वित्त आयोग से राशि फर्नीचर के लिए प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने इस अवसर पर कहा कि आपसी विवादो को सुलझाने के लिए भिण्ड जिले को एडीआर भवन की सौगात प्रदान की गई है। उन्हांेने कहा कि हेप्पीनेश की दिशा में समाज के कठिनाई और समस्याओं का स्थाई हल के लिए भी नवनिर्मित एडीआर भवन उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि विगत लोक अदालत के माध्यम से सेवा सहकारी समिति की डेढ करोड रूपए से अधिक की राशि बसूली गई थी। साथ ही कई राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया था।
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भिण्ड जिले में उर्जा की कमी नहीं है। साथ ही हर काम को बातचीत के माध्यम से हल करने की परम्परा है। इसलिए पति-पत्नी के बिवाद पुलिस परामर्श केन्द्र के माध्यम से सुलझाने की पहल आसानी से की जाती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में 1100 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जिससे यहां के लोगों में आगे बडने की ललक देखने को प्राप्त हो रही है।
न्यायमूर्तिद्वय श्री यूसी महेश्वरी एवं श्री रोहित आर्या ने नवनिर्मित एडीआर भवन का फीता काटकर उदघाटन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद आईपीएस विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन विशेष न्यायाधीश डॉ शिवकुमार मिश्रा ने किया। इसके बाद राष्ट्रगान के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ।
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