भोपाल ! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि विश्वविद्यालयों को नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए अभियान चलाना चाहिए। जनता और सरकार के बीच भाषा को बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए मुखर्जी ने कहा कि समाज कल्याण और विकास योजनाओं की सफलता भाषा पर निर्भर है। यहां अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के बाद आयोजित समारोह में मुखर्जी ने हिन्दी भाषा को भारतीय सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक करार देते हुए कहा कि राष्ट्र को जोड़ने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने हिन्दी माध्यम से तकनीकी विषयों की शिक्षा प्रदान करने को अच्छी पहल करार देते हुए हिन्दी विश्वविद्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने हिन्दी भाषा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपेक्षा की जाती है कि यह विश्वविद्यालय वाजपेयी के महान आदर्शो पर चलेगा और हिन्दी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देगा।
महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध पर चिंता जताते हुए मुखर्जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों को नौतिक मूल्यों की स्थापना का अभियान चलाना चाहिए। आज देश को ऐसे युवाओं की जरूरत है, जिनमें देशप्रेम के साथ-साथ दायित्व का निर्वाह और सभी के साथ सच्चाई, ईमानदारी तथा आचरण में जिम्मेदारी की भावना हो। देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा पर जोर देना होगा।
उन्होंने कहा कि 18-24 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं का भारत में उच्च शिक्षा में प्रतिशत केवल सात है, जबकि जापान में यह 35 और अमेरिका में 31 है। हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में दो करोड़ 60 लाख विद्यार्थी हैं। फिर भी कई ऐसे स्थान हैं, जहां उच्च शिक्षा संस्थान नहीं हैं।
राज्यपाल रामनरेश यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह हिन्दी विश्वविद्यालय दुनिया में अपने ढंग का अनूठा विश्वविद्यालय होगा। हिन्दी पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है। यह देश के हृदय प्रदेश की भाषा है। दुनिया के श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों से आदान-प्रदान का संपर्क सूत्र हिन्दी विश्वविद्यालय जोड़ेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज एक संकल्प पूरा हुआ है। एक सपना साकार हुआ है। हिन्दी भाषी प्रदेशों में केवल दो प्रतिशत लोग अंग्रेजी बोलते हैं। अंग्रेजी ज्ञान की अज्ञानता के कारण प्रतिभाओं को पिछड़ने नहीं दिया जाएगा।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को तीन प्रमुख कार्यो की जिम्मेदारी लेनी होगी- हिन्दी की गरिमा बढ़ानी होगी, विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य हिन्दी भाषा में व हिन्दी साहित्य को अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराना होगा और हिन्दी की शुद्धता को बचाना होगा।
इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। विश्वविद्यालय के सूचना पत्र ‘अटल संवाद’ का विमोचन किया गया। राज्यपाल ने एक प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री नारायण सामी, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, मुख्य सचिव आर. परशुराम, विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति वायुसेना के विशेष विमान से गुरुवार को अपराह्न् 11़ 30 बजे भोपाल पहुंचे। राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मुख्मयंत्री चौहान, मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह, कांग्रेस के मध्य प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, उमाशंकर गुप्ता ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति सात जून को नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में शंकराचार्य नेत्र चिकित्सालय के लोकार्पण और अनूपपुर जिले के अमरकंटक स्थित जनजातीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगे।
राष्ट्रपति मुखर्जी अपने प्रवास के अंतिम दिन आठ जून को इंदौर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। इसी दिन राष्ट्रपति उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद शाम को भोपाल होते हुए दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।