मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने वाशिंगटन डी.सी. स्थित विश्व बैंक के विशेषज्ञ अधिकारियों के साथ प्रदेश के विकास के लिये विभिन्न क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के संचालन, प्रबंधन और विस्तार के लिये 7,888 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान आठ दिवसीय अमेरिका यात्रा पर है। यात्रा के पहले दिन एक अक्टूबर को उन्होंने पूरा दिन विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ चर्चा में बिताया।
विश्व बैंक अधिकारियों के दल ने मुख्यमंत्री की सकारात्मक विकास दृष्टि की सराहना करते हुए इसे सतत विकास के लिये सर्वाधिक उपयुक्त बताया। उन्होंने विकास के लिये संवाद की पहल करने की सराहना की और कहा कि भारतीय राज्यों में श्री चौहान पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने आगे बढ़कर विकास संवाद की पहल की और विकास परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया।
विश्व बैंक ने पारदर्शिता के लिये ई-प्रशासन और लोक सेवाओं की गांरटी देने की पहल की प्रशंसा करते हुए इन प्रयासों को अपनाये जाने योग्य बताया। विश्व बैंक की संचालक सुश्री मुल्यानी इंद्रावती ने सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के प्रस्तावों का परीक्षण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रदाय, ग्रामीण सड़कों, लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना, नवकरणीय ऊर्जा की प्रस्तावित योजनाओं, महिला-बाल विकास की योजनाओं, उच्च शिक्षा, नर्मदा- मालवा लिफ्ट सिंचाई और पेयजल परियोजना के संचालन, प्रबंधन और विस्तार के संबंध में विश्व बैंक के संबंधित अधिकारियों को अवगत करवाया।
श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में मानव विकास के प्रमुख संकेतों में हुई उल्लेखनीय वृद्धि और विद्युत उत्पादन, कृषि, सिंचाई, भण्डारण क्षमता, उद्यानिकी, फसलों के विकास, सड़क निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हुई उल्लेखनीय प्रगति की चर्चा करते हुए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की मुख्य उपलब्धियों की भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का तेजी से विकास करने वाला राज्य है और इसे अधोसंरचना और लोकहितैषी संस्थागत व्यवस्थाओं के निर्माण के लिये वित्तीय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूँजी निवेश के लिये भी बेहतर वातावरण उपलब्ध है। पूँजी निवेश के लिये सभी जरूरी व्यवस्थाएँ और सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से मध्यप्रदेश विकास की गति और भी तेज कर सकता है।
श्री चौहान ने विश्व बैंक के अधिकारियों को मध्यप्रदेश की विकास की रणनीति की भी जानकारी दी। उन्होंने कृषि केबिनेट, कृषि बजट, समावेशी शहरी विकास, शहरी सुशासन एवं शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने की रणनीति से अवगत करवाया। उन्होंने ग्रामीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास में नवाचारी प्रयासों, महिला सशक्तिकरण के लिये विशेष योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा, सुशासन और ई-प्रशासन के क्षेत्र में अपनायी गई विकास रणनीतियों की विस्तार से चर्चा की।
विश्व बैंक के जिन अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने अलग-अलग बैठकों में चर्चा एवं मुलाकात की, उनमें विश्व बैंक के उपाध्यक्ष तमर मनुएल्यन एटिन्क, वरिष्ठ प्रबंधक दक्षिण एशिया मानव संसाधन विकास एवं शिक्षा श्री अमित धर,दक्षिण एशिया मानव संसाधन विकास अधिकारी श्री हिरोशी सायकी, भारत के लिये कार्यक्रम समन्वयक सुश्री जिल आर्मस्ट्रांग, कार्यकारी निदेशक विश्व बैंक श्री एम.एन.प्रसाद, उपाध्यक्ष सतत विकास सुश्री रेचल काइट, संचालक सतत विकास श्री जेक स्टेन, संचालक अधोसंरचना एवं जल संसाधन श्री जोस जुइस इरिगोयन, क्षेत्रीय उद्योग संचालक अधोसंरचना, प्राकृतिक संसाधन दक्षिण एशिया सुश्री अनिता जार्ज शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश वाटर सेक्टर पुनर्निर्माण परियोजना के जून 2015 तक के विस्तार और 181 मिलियन यू.एस.डॉलर की अतिरिक्त सहायता के संबंध में चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने जलाशय पुनर्वास एवं संवर्धन परियोजना को 2016-17 तक बढ़ाने और 60.19 मिलियन यू.एस. डॉलर की सहायता का आग्रह किया। नेशनल हाइड्रोलॉजी परियोजना पर भी चर्चा हुई।
श्री चौहान ने मुख्यमंत्री शहरी जल प्रदाय योजना के संबंध में विश्व बैंक के अधिकारियों को बताया कि अगले 10 वर्ष में सभी शहरों में पाईप द्वारा जल प्रदाय करने की परियोजना तैयार की गई है। इसके लिये 380 मिलियन अमेरिकी डॉलर के वित्तीय सहयोग की आवश्यकता होगी। राज्य अपने संसाधनों से भी 200 मिलियन यू.एस. डॉलर वहन करेगा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल प्रदाय के लिये 490 मिलियन यू.एस.डॉलर की योजनाएँ बनाई गयी हैं।
श्री चौहान ने शहरी क्षेत्रों की सड़कों और मेट्रो रेल परियोजना जैसी बड़ी शहरी परिवहन योजनाओं के लिये 300 मिलियन यू.एस. डॉलर की वित्तीय सहायता के प्रस्ताव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना प्रोजेक्ट में 200 मिलियन यू.एस.डॉलर का प्रबंध राज्य सरकार स्वयं के संसाधनों से करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रामीण सड़कों के लिये 180 मिलियन यू.एस. डॉलर के सहायता प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि इससे सभी बसाहटें सड़क मार्ग से जुड़ जायेंगी। इसके अलावा लोक सेवा केन्द्रों के भवन निर्माण एवं सूचना प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्थाएँ करने और प्रशिक्षित अमला रखने के लिये 40 मिलियन यू.एस. डॉलर के सहयोग की आवश्यकता होगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों से भी इस क्षेत्र में खर्च करेगी। भविष्य में ऊर्जा की पूर्ति के लिये सौर, पवन एवं लघु, जल एवं जैविक ऊर्जा परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिये 44 मिलियन यू.एस. डॉलर के प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला-बाल विकास विभाग की 1082 मिलियन यू.एस.डॉलर लागत की परियोजनाओं और नवीन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के अधोसंरचना विकास, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये 480 मिलियन यू.एस.डॉलर के प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।
श्री चौहान ने प्रदेश के मालवा क्षेत्र में तीन हजार गाँवों और 70 नगरों में सिंचाई और पेयजल प्रबंधन के लिये महत्वाकांक्षी नर्मदा-मालवा लिफ्ट सिंचाई तथा पेयजल परियोजना की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से न सिर्फ 1000 मेगावाट की बिजली बनेगी बल्कि 16.8 लाख एकड़ कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई होगी। उन्होंने योजना के प्रमुख बिन्दुओं की चर्चा करते हुए इसके लिये 3600 मिलियन यू.एस.डॉलर की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।
चर्चा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गये प्रतिनिधि-मण्डल के सदस्यों प्रमुख सचिव वित्त श्री अजयनाथ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल, सचिव योजना एवं नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री सुधि रंजन मोहंती, मुख्यमंत्री के सचिव श्री एस.के. मिश्रा एवं भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।