नई दिल्ली। निर्भया केस में दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो गया है। 22 जनवरी को सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। इस तरह 7 साल 37 दिन बाद निर्भया को इंसाफ मिला है। फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि यह देश की सभी बेटियों के लिए इन्साफ है। उन्होंने कोर्ट का धन्यवाद भी दिया। इस फैसले से महिलाओं का कानून में विश्वास बढ़ेगा। वहीं दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि वे क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल करेंगे। निर्भया की मां की वकील सीमा कुशवाह ने कहा कि आज हमारी आंखे नम है। ज्यादा खुशी होती यदि निर्भया भी आज हमारे बीच होती।

निर्भया के परिवार के वकील जितेंद्र झा के अनुसार, हमने बहुत पापड़ बेले और बहुत रोड़े अटकाए गए, इसके बाद यह फैसला आया है। आज कोर्ट के पास कोई विकल्प नहीं था। दोषियों की कोई एप्लिकेशन पेंडिंग नहीं थी। राष्ट्रपति के पास भी कोई याचिका लंबित नहीं थी। आज भी दोषियों के वकीलों ने भरपूर कोशिश की कि एक दिन के लिए फैसला टल जाए, लेकिन कोर्ट के पास भी कोई विकल्प नहींं था। अगले 14 दिन में दोषी अपने किसी भी अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज भी कोर्ट ने चारों को पूरा समय दिया।

निर्भया के पिताजी बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि हमने इन्साफ के लिए बहुत लंबा सफर तय किया है, लेकिन खुशी है कि आखिरकार फैसला आ गया। हमें यह भी अहसास हुआ कि हमारे कानून में कैसी-कैसी कमियां हैं। सीमा कुशवाह ने कहा कि मैं निर्भया के परिवार की वकील जरूर हूं, लेकिन हमारे बीच एक रिश्ता बन गया है। हम उनका दर्द समझ सकते हैं।

इस बीच, तिहाड़ जेल में हलचल तेज हो गई है। कहा गया है कि दोषियों को जेल में नंबर 3 में भेजा जा सकता है। यहां कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। हालांकि तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को फांसी देने की तैयारी पूरी कर ली है। यहां एक चबूतरा बनाया गया है, जहां चारों को एक साथ फांसी दी जा सकती है। फांसी के फंदे बुलवाए जा चुके हैं और जल्लाद का बंदोबस्त भी कर लिया गया है।

इससे पहले कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद दोपहर 3.30 बजे तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज की सुनवाई के दौरान भी चारों दोषियों (विनय शर्मा, पवन, मुकेश और अक्षय कुमार सिंह ) के वकील ने 14 दिन का और समय मांगा, जबकि निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी याचिका में मांग की कि आज ही डेथ वारंट जारी किया जाना चाहिए। निर्भया की मां की मांग है कि चारों दोषी अपने अधिकारों के नाम पर कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं।

मंगलवार को सुनवाई पूरी करने के बाद जब कोर्ट लगी तो चारों दोषियों की वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गई। जज ने सभी से एक-एक कर बात की। यह वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग तिहाड़ जेल के रूम नंबर 4 से की गई।

इससे पहले 18 दिसंबर को सुनवाई हुई थी। तब पटियाल हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को एक हफ्ते का समय दिया था और कहा था कि इस दौरान वे अपने सभी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर लें।

क्या होता है डेथ वारंट: डेथ वारंट में कोर्ट की ओर से संबंधित जेल (इस केस में तिहाड़ जेल) को आदेश दिया जाता है और फांसी की तारीख बताई होती है। साथ ही कोर्ट भी समय तय करता है। डेथ वारंट जारी होने के 14 दिन के अंदर फांसी की तैयारी पूरी करना होती है।

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