नई दिल्ली। दिल्ली की निर्भया मामले में न्यायालय ने फांसी की तारीख 1 फरवरी तय की है। हालांकि चारों दोषी फांसी की सजा से बचने का हर संभव हथकंडा अपना रहे हैं, लेकिन तिहाड़ जेल ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। उत्तरप्रदेश के मेरठ में जल्लाद को खबर कर दी गई है जो 31 जनवरी को ही तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा। जल्लाद पवन कुमार का कहना है कि महिलाओं के साथ ऐसी हैवानियत करने वालों पर कोई दया नहीं होना चाहिए। 54 साल के जल्लाद पवन के मुताबिक, ये इन्सान नहीं, वहशी हैं, जिन्हें मौत की सजा देना जरूरी है। चारों बहुत क्रूर लोग हैं। यही कारण है कि इन्हें फांसी होने जा रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से कहा था कि उन्हें सोनिया गांधी का उदाहरण देखना चाहिए और चारों दोषियों को माफ कर देना चाहिए। हालांकि निर्भया की मां ने ऐसे करने से तत्काल इन्कार कर दिया था।

पवन का परिवार शुरू से जल्लाद रहा है। उनके दादा और पिता भी यही काम करते थे। पवन दादाजी को अपना गुरु मानते हैं और बताते हैं कि इंदिरा गांधी के हत्यारों को दादा ने ही फांसी पर टांगा था। इसके बाद 1982 के किडनैप और मर्डर केस के दो दोषियों को भी उन्होंने फांसी दी।

पवन को शिकायत है कि आज उनकी इतनी पूछपरख की जा रही है, लेकिन उनकी पगार महज 5000 रुपए महीना है। इससे परिवार का पालन-पोषण मुश्किल से होता है। पवन के मुताबिक, परिवार और दूसरे लोगों ने हमेशा मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया है, लेकिन निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने के बाद मैं खुद पर भी गर्व करूंगा।

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