जबलपुर।  राज्य सरकार ने सोमवार को मप्र हाइकोर्ट के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत कर स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों को कोरोनाकाल में केवल ट्यूशन फीस वसूल करने का आदेश दिया गया है। इस सम्बंध में दो बार आदेश जारी किए जा चुके हैं। साथ ही कक्षा 1 से 5 तक ऑनलाइन क्लासेज पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस वीके शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया। सीबीएसई व अन्य अनावेदकों को जवाब के लिए समय देकर कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 अगस्त नियत की।

निजी स्कूलों की फीस की मनमानी को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपाण्डे व रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि इंदौर हाईकोर्ट और जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निजी स्कूलो द्वारा फीस वसूली को लेकर दो अलग-अलग आदेश दिए हैं। इसके चलते विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हो गई है । कई निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जबकि कुछ सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।

अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिए कि प्रदेश भर में निजी स्कूल ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई संचालित कर रहे हैं। लेकिन भारी भरकम ट्यूशन फीस का स्ट्रक्चर तैयार कर अभिभावकों को लूटा जा रहा है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *