ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर क्राइम ब्रांच की सतर्कता से गरीब परिवार की नाबालिग बेटी बाजार में बिकने से बच गई। पुलिस ने किशोरी को बेचने के लिए ग्राहक तलाशती घूम रही रेखा व उसके साथ पति की हैसियत से रहने वाले विनोद शिवहरे को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पहले आरोपियों से किशोरी का सौदा 1 लाख 70 हजार रुपए में किया। 50 हजार रुपये एडवांस दिलाने के बहाने रविवार की रात को जिला कोर्ट के पास स्थित गिर्राज मंदिर पर बुलाकर पकड़ लिया। रेखा व विनोद शिवहरे के खिलाफ महिला थाने में मामला दर्ज किया गया है। किशोरी व उसके माता-पिता को इस बात की भनक तक नहीं थी कि शादी करने की आड़ में उनकी बेटी का सौदा किया जा रहा है। किशोरी तो अब भी आरोपी महिला को रेखा ताई बोलती है और 2 महीने से माता-पिता से नाराज होकर वह रेखा के पास रह रही थी।
सीएसपी मुनीष राजौरिया ने पत्रकारों को बताया कि किशोरी को बेचने का प्रयास करते हुए पकड़ी गई रेखा शिवहरे पहले लक्ष्मणपुरा में रहती थी। रेखा की एक बेटी है, जिसकी उसने शादी कर दी है। पति की मौत के बाद रेखा विनोद शिवहरे के साथ आमखो पर रह रही है। लक्ष्मणपुरा में रेखा के पड़ोस में किशोरी का परिवार रहता था, इसलिए दोनों परिवार का एक दूसरे के घर आना-जाना था। इसलिए किशोरी के परिजन रेखा पर भरोसा भी करते थे। किशोरी की तीन बहनें हैं, परिवार की माली हालात ठीक नहीं है। इसलिए वे तीन-तीन बेटियों की शादी करने की स्थिति में नहीं हैं।
लगभग दो माह पहले किशोरी को उसके माता-पिता ने मोबाइल पर बात करते हुए पकड़ लिया था। पिता ने नाराजगी जताते हुए बेटी की पिटाई कर दी। जिसके कारण किशोरी माता-पिता के खिलाफ हो गई। इसी बीच किशोरी की कथित ताई रेखा उनके घर पहुंच गई। पूरा मामला समझने के बाद शातिर रेखा ने किशोरी को बेचने का जाल बुनना शुरू कर दिया। रेखा ने किशोरी के माता-पिता को भरोसा दिलाया कि कामिनी ( परिवर्तित नाम) उससे बचपन से ताई कहती है, उसकी बेटी जैसी है। अब इसकी शादी की जिम्मेदारी वह लेती है। शादी पर जो भी खर्च आएगा वह उठाएगी। इसके बाद रेखा किशोरी के गरीब माता-पिता को लॉकडाउन में दो हजार रुपये का खाने-पीने का सामान उनके घर में रखवाकर वह किशोरी को अपने साथ ले आई। रेखा व विनोद शिवहरे किशोरी के फोटो लोगों को भेजकर उसे दो लाख रुपये में बेचने का प्रयास कर रहे थे। तभी इसकी भनक क्राइम ब्रांच को लग गई।
क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी दामोदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पहले ऐसे व्यक्ति को तलाश किया जो रेखा के टच में थे। इसके बाद पुलिस ने मोबाइल पर रेखा से उसकी बात कराई। रेखा मोबाइल पर ही किशोरी का सौदा करने के लिए तैयार हो गई। उसने किशोरी का फोटो भी भेज दिया। पुलिस के प्वॉइंटर (बृजमोहन) ने रेखा से किशोरी का सौदा 1 लाख 70 हजार में तय कर लिया। रेखा ने बृजमोहन से कहा कि वह 50 हजार रुपये एडवांस भिजवा दे। किशोरी से शादी भले ही राखी के बाद कर लेना, क्योंकि मेरा माल तो हीरा है। उसको ले जाने के लिए दूसरी पार्टी खड़ी है और दो लाख रुपये भी दे रही है।
बृजमोहन व रेखा के बीच डील हुई कि किशोरी व उसके माता-पिता को इस बात की भनक नहीं लगनी चाहिए कि हमारे बीच कोई डील हुई है। किशोरी व उसके माता-पिता को दिखाने के लिए रक्षाबंधन के बाद घर आ जाना। लड़की को देखने बहाने उसके हाथ पर कुछ रख जाना। जिससे किशोरी के माता-पिता को भरोसा हो जाए कि उनकी बेटी की शादी हो रही है। उसके बाद कोर्ट मैरिज कर किशोरी को ले जाना। रेखा ने अपनी भाषा में बृजमोहन को बताया कि मेरे पास बहुत माल है। इसके चाचा-ताऊ की और बहनें हैं।