श्योपुर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के पैंतीस गांवों में सिंचाई के लिए नई नहर बनाने की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों ने श्योपुर शहर को बंद करा दिया। चीफ इंजीनियर सिंचाई एनपी कोरी जय स्तंभ चैराहा पर आए तो किसानों ने उन्हें जमीन पर बिठा लिया फिर उनकी बात सुनी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर तय हुआ है कि 20 किलोमीटर लंबी नई नहर बनाने के लिए नए सिरे से सर्वे होगा और उसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इससे पहले किसानों ने सुबह से ही शहर को पूरी तरह से बंद कराया। विधायक दुर्गालाल विजय इस मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से बात करने भोपाल पहुंच गए हैं।
शहर के मुख्य जय स्तंभ चैराहा को घेरकर बैठे किसानों के बीच चीफ इंजीनियर एनपी कोरी, एसडीएम आरबी सिंडौस्कर पहुंचे तो किसानों ने एसडीओ को विदा कर दिया और कोरी को जमीन पर बिठा लिया। इसके बाद उन्हें माइक देकर अपनी बात रखने का मौका दिया। कोरी ने प्रशासनिक स्तर पर हुई चर्चा के बाद आए निष्कर्ष के बारे में बताया और कहा कि हम लोग चंबल नहर से नई नहर निकालने, मंजूरी डैम से पानी के लिए रास्ता बनाने और पार्वती नदी से सिंचाई विभाग के बारे में सर्वे कराया जाएगा। रामलखन हिरनीखेड़ा और योगेश जाट ने तरीका पूछा तो उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान किसान संघर्ष समिति के लोग भी हमारे साथ रहेंगे और हम दस दिन के भीतर सर्वे पूरा कर लेंगे।
बाजार बंद कराने के लिए सुबह आठ बजे से ही किसानों की टोलियां सड़कों पर उतर आईं थीं। इन टोलियों का नेतृत्व भाजपा के वरिष्ठ नेता मूलचन्द्र मीणा, बसपा नेता तुलसीराम मीणा, भाजपा नेता रामलखन मीणा, कांग्रेस नेता रामलखन हिरनीखेड़ा, अतुल चैहान, जुगल बंसल, महावीर मित्तल, योगेश जाट, ओमप्रकाश मीणा, लखन मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष दौलतराम गुप्ता भी नेतृत्व कर रहे थे। बाजार पूरी तरह से बंद हो गया। सबसे ज्यादा असर पेट्रोल पंपों के बंद रहने का दिखाई दिया। दुपहिया वाहन चालक पेट्रोल के लिए तरसते हुए दिखाई दिए। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह चैहान ने इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया और कहा कि किसानों की वाजिब लड़ाई में वे पूरी तरह से उनके साथ खड़े हैं।
चीफ इंजीनियर एनपी कोरी ने बताया कि यह सर्वे 20 से 25 किलोमीटर के बीच का रहेगा। हम पार्वती नदी बड़ौदा से पानी लिफ्ट करके इन गांवों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए नदी में प्रेशर पाइप डालकर पानी को लिफ्ट कराया जाएगा और नदी की सतह से ऊंचाई पर बसे इन गांवों तक पहुंचाया जाएगा। कोरी ने यह तो नहीं बताया कि यह योजना कब तक पूरी होगी लेकिन यह जरूर कहा कि जल्द ही हम डीपीआर भी तैयार कराएंगे। किसान संघर्ष समिति का दो टूक कहना है कि जब तक हमारे खेतों तक पानी नहीं पहुंचेगा यह लड़ाई समाप्त नहीं होगी। आज हम जय स्तंभ चैराहा पर बैठे हैं और कल भोपाल में भी धरना दे सकते हैं।

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