ग्वालियर ! थाना बहोड़ापुर क्षेत्र के सागरताल रोड पर पिछले दो साल से सोहम नशा मुक्ति केन्द्र के नाम से अवैध रूप से चल रहे इस केनद्र के बारे में जिला प्रशासन और पुलिस को कोई भनक नहीं। यहां इलाज के नाम पर युवाओं को काफी समय से यातनाएं दी जा रही थीं। अप्रैल माह में इलाज के लिए झांसी निवासी सचिन पाठक की मौत हो चुकी है। ऐसे केन्द्रों के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी न होना चौकाने वाला है कि सामाजिक न्याय विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग अब तक क्या करते रहे। अवैध रूप से केन्द्र कैसे चलता रहा। इस केन्द्र पर अमानवीय व्यवहार होता रहा है। इस केन्द्र पर अमानवीय व्यवहार होता रहा। युवाओं को कभी रस्सी से बांध कर लटकाया जाता था तो कभी टायलेट में खाना खाने को मजबूर किया जाता था। इस रह की अमानवीयता की जानकारी कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को मिली तो उन्होंने एक संयुक्त टीम बनाकर शुक्रवार शाम केन्द्र पर जांच के लिए भेजी। केन्द्र पर बंद युवकों ने टीम को बताया कि केन्द्र संचालक राहुल चौधरी और कपिल गर्ग उनके साथ मारपीट करते थे। टायलेट के पॉट में लगी गंदगी को नाखून से खुरचवाकर साफ करवाते थे। केन्द्र पर मिले 53 युवकों में से संजय धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, राजदीप आदि ने आप बीती बताई। युवकों का कहना था कि वे नशा नहीं करते उन्हें कुछ लोग पुलिस बनकर घर से उठा लाए। एक युवक ने बताया कि संपत्ति विवाद को लेकर उसका भाई उसे यहां जबरन छोड़ गया। युवकों ने बताया कि युवकों के परिजन से 10 हजार रुपए महीना और दवा का पैसा लिया जाता है। सामाजिक न्याय विभाग के प्रभआरी संयुक्त संचालक सामदानी ने बताया कि निरीक्षण में अनियमितताएं मिली है। पीडि़तों ने मारपीट करने संबंधी बयान दर्जा कराए हैं। संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। केन्द्र का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। सीएसपी बीएस रघुवंशी के अनुसार युवकों के मेडिकल परीक्षण के आधआर पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। एक जानकारी यह भी सामने आई है कि झांसी निवासी सचिन पाठक यहां इलाज के लिए आया था उसकी 12 अप्रैल को मौत हो गई। केन्द्र संचालक पुलिस को बताए बिना शव झांसी छोड़ आए। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया झांसी पुलिस में हत्या का मामला दर्ज है। संचालकों को हिरासत में भी लिया था।

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