भोपाल। नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध प्रभावित परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन शुक्रवार 29 जुलाई को इंदौर से ‘रैली फॉर द वैली’ शुरू करने जा रहा है। वहीं 30 जुलाई से बड़वानी के राजघाट पर ‘नर्मदा जल-जमीन हक सत्याग्रह’ शुरू होगा। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव बादल सरोज, जसवंत सिंह, पूर्व विधायक सुनील व आराधना भार्गव के साथ गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में आगामी आंदोलन का ऐलान किया।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के तमाम निर्देशों की अवहेलना कर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाया जा रहा है और अब गेट लगाकर उन्हें बंद करने की तैयारी चल रही है।उनका आरोप है कि 45 हजार परिवारों का पुर्नवास नहीं किया गया है और बांध पर गेट लगाए गए हैं। राज्य में सिर्फ 50 परिवारों का ही पुर्नवास किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में हत्याओं के लिए चर्चित रहने वाले अब सरदार सरोवर के नाम पर जल हत्या कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरदार सरोवर का एक बूंद पानी भी मध्य प्रदेश को नहीं मिलने वाला है और सबसे ज्यादा प्रभावित यहां के लोग ही हो रहे हैं। इस बांध का जलस्तर बढ़ने से एक तरफ विस्थापन बढ़ेगा वहीं घर, खेत, पशुधन, दुकानें, धार्मिक स्थल, लाखों की संख्या में पेड़ की जल समाधि हो जाएगी।
मेधा पाटकर ने केंद्र सरकार में वन व पर्यावरण मंत्री अनिल दवे को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि वह नर्मदा के सामाजिक प्रभाव को नहीं जानते। आने वाले दिनों में नर्मदा की स्थिति यमुना जैसी हो जाएगी।उनका आरोप है कि केंद्र सरकार सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ाकर अडानी और अंबानी की कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।उसे इस बात की चिंता नहीं है कि जलस्तर बढ़ने से कितने गांव डूबेंगे और कितनों की जिंदगी तबाह होगी।