भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक क्लर्क की पेंट उतरवाकर जप्त कर ली गई क्योंकि उसने रिश्वत की रकम पेंट में रख ली थी। एक क्लर्क अपने साथी कर्मचारी की विधवा से रिश्वत वसूल रहा था तो दूसरा एक मजदूर की मृत्यु के बाद उसकी अंत्येष्टि के लिए मिलने वाली सरकारी मदद के मामले में रिश्वत वसूल रहा था।
भोपाल लोकायुक्त से नगर निगम के एक कर्मचारी स्वर्गीय शेख मोहम्मद की पत्नी ने शिकायत की थी। महिला ने बताया था कि माता मंदिर स्थित नगर निगम दफ्तर का लेखा लिपिक शमीमुद्दीन उनके मरहूम पति के एरियर के बचे हुए डेढ़ लाख रुपए निकालने के लिए तीन हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि शमीमुद्दीन एक हजार रुपए की रिश्वत ले चुका है। अब वह बाकी के दो हजार रुपए मांग रहा है।
महिला ने रिश्वत के लेन-देन के संबंध में हुई बातचीत फोन पर रिकॉर्ड कर ली थी। उसके आधार पर लोकायुक्त की टीम ने सबूत जुटाए, जिनके आधार पर लोकायुक्त की टीम ने नगर निगम कार्यालय में छापा मारा और शमीमुद्दीन को दो हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
लोकायुक्त टीआई मनोज पटवा ने बताया कि दिवंगत शेख मोहम्मद का बेटा शेख रिजवान रिश्वत के बाकी के दो हजार रुपए लेकर नगर निगम के दफ्तर पहुंचा। वहां लेखा लिपिक शमीमुद्दीन अपने केबिन में बैठा था। उसने रिजवान से रिश्वत लेकर अपने पैसे अपने पेंट की जेब में रख लिए। पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने तत्काल घेराबंदी कर शमीमुद्दीन को पकड़ लिया। टीम ने सबसे पहले उसके हाथ को पानी से धुलवाया। उसके हाथ नोट में लगे पाउडर की वजह से गुलाबी हो गए। इसके बाद टीम ने शमीमुद्दीन की ग्रे कलर की पैंट उतरवायी और पेंट की जेब के उस हिस्से पर पानी डाला, जहां उसने रिश्वत के दो हजार रुपए रखे थे। पानी लगते ही वह हिस्सा भी गुलाबी हो गया। लोकायुक्त टीम ने बाबू की पैंट भी जब्त कर ली।
लोकायुक्त की दूसरी टीम ने एक अन्य शिकायत में ईदगाह हिल्स स्थित वार्ड नंबर दस के दफ्तर से नगर निगम के अर्ध कुशल श्रमिक बाबू मनोज जैन को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। लोकायुक्त पुलिस से कामिनी बाई सियोते के पड़ोसी सुनील सराठे ने लिखित में शिकायत की थी कि कामिनी बाई के बेटे की मौत हो गई थी। उन्होंने बेटे के मजदूरी कार्ड के आधार पर मध्यप्रदेश शासन की अंत्येष्टि एवं अनुग्रह योजना के तहत मिलने वाले 2 लाख 60 हजार रुपए के लिए आवेदन किया था। इस प्रकरण में पंचनामा रिपोर्ट लगाने के लिए बाबू मनोज जैन ने कामिनी बाई से 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। आरोपी मनोज जैन दस हजार रुपए रिश्वत ले चुका था।