ग्वालियर। भिण्ड नगरपालिका परिषद में नवम्बर 2014 से अप्रैल 2015 तक हुए एक करोड रुपए की खरीदी घोटाले की जांच शुरु कर दी गई है। भिण्ड एसडीएम बीबी अग्निहोत्री कार्यालय से आई एक तीन सदस्यीय टीम ने नगरपालिका परिषद पहुंच कर खरीदी संबंधी सभी दस्तावेजों को जप्त कर लिये है।
भिण्ड नगरपालिका परिषद भाजपा की है और भाजपा के पार्षदों ने ही नगरपालिका मे ंचल रही धांधली को लेकर मोर्चा खोल दिया था। इसी धांधली को लेकर वार्ड नम्बर 17 के भाजपा पार्षद अनूप पाण्डे ने अपना इस्तीफा 2 जून को नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती कलावती को सौंप दिया था। अनूप पाण्डे के इस्तीफा के बाद परिषद में उस समय खलबली मच गई जब भाजपा के पार्षद श्यामसिंह यादव, राजेन्द्र वैश्य, ओमवती, योगेन्द्र, रामू खटीक, नीलूसिंह भदौरिया, रामप्यारी ने भी अपना इस्तीफा देने की पेशकश कर दी थी।
नगरपालिका पार्षदों ने आरोप लगाया है कि नगरपालिका के स्टोर में रखे पुराने पाइपों को नए पाइप बताते हुए 30 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। ग्वालियर की फर्म से दो पुराने डंपर खरीदकर उन्हें नए डंपर बताकर 29 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। 64 हैंण्डपम्पों को स्वीकृत स्थान की जगह मनमानी जगह खनन करा दिए गए। 100 से अधिक कचरा उठाने के ठेके 5 हजार 500 रुपए प्रति नग खरीदी की गई जबकि इनकी बाजार में कीमत 2 हजार 500 रुपए की है। नगरपालिका द्वारा बिना टोटल एस्टीमेट तैयार कराए ही वार्ड 30 में सीसी रोड बना दी गई।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बीबी अग्निहोत्री ने बताया कि नगरपालिका भिण्ड में हुए खरीदी घोटाले की शिकायत की गई थी। नगरपालिका से इस संबंध में जबाव मांगा गया, लेकिन कोई जबाव नहीं मिलने पर पर नगरपालिका में टीम भेजकर खरीदी से संबंधित दस्तावेज जप्त कराए गए है। दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट वरिष्ट अधिकारियों को दी जाएगी।