ग्वालियर। माध्यमिक षिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा संचालित कराई गई हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम भी हायर सेकंडरी की तरह काफी शर्मनाक रहा है। परीक्षा में 50491 छात्रों में सिर्फ 7404 परीक्षार्थी ही पास हो सके हैं। जिला प्रषासन द्वारा नकल पर काफी सख्ती बरतने के कारण ही 12186 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं आए थे। यह पहली बार हुआ है कि इतने अधिक परीक्षार्थी परीक्षा ही देने नहीं आए हों। प्रतिवर्श प्राइवेट स्कूलों के बच्चे मेरिट सूची में आते थे, लेकिन इस बार प्राइवेट स्कूलों का परीक्षा परिणाम काफी नीचे स्तर पर रहा है। इस बार सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 25.57 फीसदी रहा। प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 12.74 फीसदी रहा। भिण्ड जिले का 12वीं का परीक्षा परिणाम 13.12 रहा था।
जिला प्रषासन, पुलिस प्रशासन ने इस बार परीक्षा षुरु होने के दो माह पहले ही गांव-गांव में जागरुकता अभियान, रैलियां, संगोश्ठी आयोजित कर यह मैसेज दिया था कि नकल एक अभिषाप है इससे किसी का भला नहीं हो सकता है। नकल से डिग्री हासिल की जा सकती है नौकरी प्राप्त नहीं की जा सकती। जब बच्चा नकल से पास होकर नौकरी से वंचित रहता है तो उसे घर बैठना पडेगा। जब उसके पास कोई काम नहीं होगा तो वह अपराध की दुनिया में जाकर गलत काम करेगा और उसका तो भविश्य खराब होगा ही परिवार को भी संकट में डालेगा। इसलिए ईमानदारी से पढाई की जाए जिससे रोजगार के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि इस बार वास्तविकता वाला रजिल्ट है। जिन छात्रों ने ईमानदारी से पढाई की वो पास हुए है। इस परिणाम से छात्रों को सबक लेना चाहिए कि मेहनत करने वालों को कभी निराषा नहीं मिलती।
पिछली साल सेवानिवृत हुए जिला शिाक्षा अधिकारी गोपाल सिंह भदौरिया ने कहा है कि परीक्षा में नकल रोकने से ही कुछ नहीं होगा। जिला प्रशासन ने परीक्षा के दौरान नकल रोकने में जो सख्ती दिखाई है, वहीं सख्ती जुलाई में षुरु होने वाले शिक्षा सत्र से षुरु की जाए तथा नियमित स्कूल खुले और पढाई हो। जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं है उनकी व्यवस्था की जाए। पूरे प्रदेश में शिक्षकों के अटेचमेंट समाप्त कर दिए गए है लेकिन भिण्ड में अटेचमेंट पूरी तरह समाप्त नहीं हुए है। भिण्ड में राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण आज भी सैकडों शिक्षक स्कूलों में पढाने नहीं जाते हैं बल्कि घर बैठे वेतन पा रहे है। शिक्षा मकहमे के अधिकारी भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाते है। निजी स्कूल जो कागजों में संचालित है उनकी मान्यता समाप्त की जानी चाहिए। भिण्ड में नकल के बल पर दिल्ली, उत्तरप्रदेष, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तक के बच्चे पास होने के के लिए यहां परीक्षा देने आते है। निजी स्कूल संचालक ऐसे छात्रों से मोटी राषि लेकर उन्हें परीक्षा में नकल कराकर उन्हें पास करा देते है। ऐसे परीक्षार्थी इस बार फेल हो गए तथा हजार छात्र परीक्षा ही देने नहीं आए। षिक्षा का स्तर सुधारने के लिए नकल माफिया पूरी तरह समाप्त करना होगा।
जिला षिक्षा अधिकारी एसएन तिवारी ने कहा कि नकल पर जिस तरह से अंकुष लगाया गया था उसी तरह अब शिक्षकों को पढाने के लिए बाध्य किया जाएगा जो शिक्षक स्कूल में बच्चों को प्एाने नहीं जाऐंगे उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *