ग्वालियर। भिण्ड जिले में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित होने वाली हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाओं में ही नकल नहीं चलती बल्कि यहां तो प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक में भारी नकल चलती है। हालांकि नकल रोकने के शासन, प्रशासन व शिक्षा मकहमे के द्वारा जो भी प्रयास किए जाते है वो नाकाफी साबित होते है।
चंबल संभाग का भिण्ड जिला जिससे उत्तरप्रदेश के तीन जिलों की सीमा लगती है। इटावा, आगरा व जालौन यहां से भी हजारों छात्र-छात्राऐं बोर्ड की परीक्षा तो देने आते ही हैं साथ ही जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं का भी पास होने के लिए आते है। बीएड और डीएड की परीक्षा देने तो उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के हजारों छात्र-छात्राऐं यहां आकर परीक्षा देते है। भिण्ड जिले में नकल कराकर पास कराने की गारंटी दी जाती है इसलिए छात्र-छात्राऐं यहां स्कूल कॉलेज संचालकों को मनमाने पैसे देकर डिग्री प्राप्त करते है। ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले निजी स्कूलों का रिकॉर्ड देखा जाए तो उनके यहां प्रवेश लेने वाले 80 प्रतिशत छात्र अन्य प्रदेशों के होंगे।
इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेश में सर्वाधिक 2008 नकल प्रकरण बनाए गए भिण्ड में नकल न चले इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल ने अपने स्तर से 5 निरीक्षण दल भिण्ड आए तो परीक्षा समाप्ति तक भिण्ड में ही रहे। संभागीय व जिला स्तर से निरीक्षण दल तो बने ही थे जिला कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने भी 20 दल अलग से बनाए जाने के बाद भी नकल नहीं रुक पाई। चार परीक्षा केन्द्रों को भी बदलकर भिण्ड परीक्षाऐं कराई गई इसके बाद भी कोई नकल में सुधार नहीं आया। निरीक्षण दलो, केन्द्राध्यक्षों, पर्यवेक्षकों को भी बंधक बनाकर उन पर हमले होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
जिला शिक्षा अधिकारी दीपक कुमार पाण्डे ने बताया कि नकल पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है तभी इस कलंक को दूर किया जा सकता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों की सघन जांच की जाए कि पूरी साल स्कूल नहीं लगते और इन स्कूलों में पढने वालों की संख्या दो-दो हजार कहां से हो जाती है, जबकि कक्षा 9 में केवल 200 छात्र ही दर्ज थे फिर 1800 छात्र कहां से आ गए। ऐसे स्कूलों की मान्यता समाप्ति की कार्यवाही तत्काल की जावे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 49 जिलों में 1500 नकल प्रकरण बने और भिण्ड जिले में अकेले 2008 नकल प्रकरण दर्ज किए गए।

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