गुना। देश की राजधानी दिल्ली, राजस्थान से नकली नोट खपाने के लिए आई गैंग के एक सदस्य को अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई। वहीं आरोपी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अभी इस वारदात में 3 आरोपी पूर्व से फरार हैं, जिनकी तलाश अब तक पुलिस नहीं कर पाई है। इनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट भी जारी किए गए हैं। अपर लोक अभियोजक शफीक खान ने बताया कि 7 नवंबर 2009 को गुना कोतवाली पुलिस ने शहर में नकली नोट खपाने की फिराक में घूम रही गैंग के सदस्यों को पकडा था। इनके खिलाफ नकली नोट रखने और खपाने की धारा में कार्रवाई की थी।

आरोपियों को शहर की दो होटल से पकडा था। यह होटल में रहते थे और फिर यहां से गांवों में नोट खपाने चले जाते थे। भोले-भाले दुकानदारों से सामान खरीदी करने के नाम पर नकली नोट देते थे। इस मामले में पुलिस ने दिल्ली निवासी माया उर्फ मृत्युंजय, राजस्थान निवासी मुख्तकीम खान और दो अन्य आरोपी रामनिवासी मीना, मनोज गोस्वामी और आजाद को गिरफ्तार किया था। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डीके कुन्डू ने सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध होने पर आरोपी मुख्तकीम खान को 10 साल की सजा सुनाई। वहीं इस मामले में पूर्व से ही 3 आरोपी फरार हैं।

आरोपी मुख्तकीम खान के पास से पुलिस 500-500 रुपए के 40 नकली नोट जब्त किए थे। गिरफ्तार आरोपियों के पास से सवा लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए थे। यह नोट असली से छोटे थे, इसके बीच में चमकदार दिखाई देने वाले तार में आरबीआई भी अंकित नहीं था। नोटो के वाटर मार्कस भी असली से भिन्न थे। देवास प्रेस नोट से आई रिपोर्ट में भी इन आरोपियों के पास से मिले नोट नकली होने की पुष्टि हुई। यह आधार पर आरोपियों पर दोष सिद्ध करने में अभियोजन कामयाब हुआ, इससे एक आरोपी को सजा मिली।

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