केपटाउ। जो उम्मीद की जा रही थी वही दिखाई भी देने लगा है। नए साल के पहले इम्तिहान में टीम इंडिया का स्वागत स्वैग से नहीं बल्कि न्यूलैंड्स स्टेडियम की हरी पिच से होगा। टेबल माउंटेन की गोद में बने खूबसूरत न्यूलैंड्स स्टेडियम की हरी पिच भारतीय टीम का इंतजार कर रही है और इसी को देखते हुए यहां अभ्यास करने उतरे मेहमानों का पूरा फोकस तेज गेंदबाजी पर ही रहा। जहां भारत के तेज गेंदबाज सेंट्रल पिच के बगल में बनी अभ्यास पिच पर पसीना बहाते रहे, तो वहीं बल्लेबाजों ने यहां पर अभ्यास करने के बाद नेट में थ्रो बॉल के साथ दक्षिण अफ्रीकी जूनियर गेंदबाजों के खिलाफ अभ्यास किया।
केपटाउन में लगे ये पोस्टर
तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला पांच जनवरी से इसी स्टेडियम में होना है। केपटाउन में पिछले 100 साल का सबसे बड़ा सूखा पड़ा है। एयरपोर्ट से लेकर होटलों तक पानी कम खर्च करने की गुजारिश के पोस्टर लगे हुए हैं। 31 दिसंबर को यहां हल्की बारिश हुई थी और मंगलवार की सुबह भी हल्के बादल थे लेकिन कुछ देर बाद ही धूप निकल आई। अगले दो दिन कड़ी धूप निकलने की संभावना है। क्यूरेटर पिच को तेज और बाउंसी रखना चाहते हैं क्योंकि उछाल के सहारे ही दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को तकलीफ में डाल सकते हैं। पानी की कमी के बावजूद वह ऐसा करने में जुटे हैं और यही कारण है पिच पर काफी घास नजर आ रही है और इसके हटने की संभावना भी कम है।
ये बढ़ाएंगे भारत की मुश्किलें
दक्षिण अफ्रीका के पास कैगिसो रबादा, वनरेन फिलेंडर, मोर्नी मोर्केल और डेल स्टेन जैसे तेज गेंदबाज हैं और यही कारण है कि पिच को हर संभव तेज बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। भारत की घास रहित पिचों पर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड को हराने के बाद यहां पहुंची टीम इंडिया इस चुनौती को अच्छी तरह जानती है। यही कारण है उसने अपना फोकस तेज गेंदबाजी पर कर रखा है। वह अपने बल्लेबाजों को दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों को ङोलने के लिए तैयार कर रही है तो अपने तेज गेंदबाजों को प्रेरित कर रही है।
तेज गेंदबाजी हमेशा रही परेशानी
भारतीय टीम जब भी दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट खेलने आई तब तेज गेंदबाजी ही उसकी असली परेशानी रही। जहां उसके ओपनर एलन डोनाल्ड, शॉन पोलाक, मोर्नी मोर्केल और डेल स्टेन जैसे गेंदबाजों के सामने डर-डरकर खेलते नजर आए तो उसके पास ऐसे तेज गेंदबाजों का टोटा रहा जो विकेट ले सकें। शांताकुमार श्रीसंत ने जरूर 2006-07 में टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा 18 विकेट लेकर भारत की तरफ से चुनौती पेश की थी। इस बार टीम इंडिया इन दोनों खेमों पर कोई गलती करने के मूड में नहीं है। यही कारण है टीम प्रबंधन ने उमेश यादव, इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह जैसे पांच तेज गेंदबाजों के अलावा तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को टीम में रखा है। इसके अलावा तीन युवा तेज गेंदबाजों अंकित राजपूत, आवेश खान और सिराज को भी भारतीय बल्लेबाजों को दक्षिण अफ्रीकी परिस्थितियों में अभ्यास कराने के लिए भेजा है।
हवा करेगी काम
केपटाउन स्टेडियम के एक तरफ टेबल माउंटेन है तो दूसरी ओर खुला आसमान। एक तरफ से हवा चलने के कारण सुबह और शाम के सत्र में गेंद स्विंग करती है। पहली बार भारत के पास भुवनेश्वर और शमी के तौर पर दो स्विंग गेंदबाज हैं जो यहां कमाल कर सकते हैं। इन दोनों ने जमकर अभ्यास भी किया। इसके अलावा हार्दिक पांड्या ने करीब दो घंटे तक गेंदबाजी की जिससे संकेत मिल रहे हैं कि उन्हें अंतिम एकादश में जगह मिल सकती है। उनके रहने से भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज मिल जाएगा क्योंकि वह इकलौते ऑलराउंडर हैं जो तेज गेंदबाजी के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी भी करते हैं।
राहुल-विजय के ओपनिंग के संकेत
टीम जब मुंबई से दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुई थी तो भारत के स्थायी ओपनर शिखर धवन लंगड़ाकर चल रहे थे। हालांकि अब वह ठीक नजर आ रहे हैं और उन्होंने नेट पर बल्लेबाजी का अभ्यास भी किया लेकिन सबसे आखिर में। अगर मंगलवार को टीम के अभ्यास पैटर्न को देखें तो यह साफ हो जाता है कि भारतीय प्रबंधन पहले टेस्ट में केएल राहुल और मुरली विजय को ओपनिंग में उतार सकता है। हालांकि पांच जनवरी को शुरू होने वाले पहले टेस्ट को अभी काफी समय है। विजय और राहुल ने पहले सेंट्रल पिच के बगल वाली पिच पर इशांत, आवेश, पांड्या और शमी के सामने बल्लेबाजी की तो उसके बाद नेट पर जमकर अभ्यास किया। विजय शानदार टच में नजर आए और बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने उन पर विशेष ध्यान दिया क्योंकि अगर ओपनिंग जोड़ी एक बार टिक गई तो नीचे के बल्लेबाजों को पुरानी गेंद से खेलने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। शुरुआत में पिच पर बाउंस होगा और यही कारण है कि अभ्यास के आखिर में मुरली ने बांगर से पुल और हुक पर अभ्यास कराने के लिए कहा। बांगर ने इसके लिए करीब 10 पुरानी गेंदें मंगाईं और 10 गज की दूरी पर खड़े होकर कमर और कंधे की ऊंचाई पर थ्रो किए। इस पर मुरली ने गेंद को छोड़ने के साथ पुल और हुक शॉट का अभ्यास किया। मुरली को स्टंप के बाहर जाती गेंदों को छोड़ने का माहिर माना जाता है।
बायें हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ अभ्यास
इस दौरे के लिए भारतीय टीम ने तैयारी श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से ही कर दी थी। यही कारण है कि कोलकाता में हुए पहले टेस्ट में पिच पर घास छोड़ी गई थी। हालांकि भारतीय बल्लेबाज वहां उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। तब से अब तक टीम इंडिया तेज गेंदबाजी का तोड़ ही ढूंढ़ रही है। कोहली ने पहले अभ्यास पिच पर बुमराह, उमेश, भुवनेश्वर और अश्विन के खिलाफ बल्लेबाजी की और उसके बाद नेट पर बायें हाथ के तीन दक्षिण अफ्रीकी जूनियर गेंदबाजों के सामने अभ्यास किया। दोनों ही टीमों के मुख्य तेज गेंदबाज बायें हाथ के नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद विराट ने इस पर भी अभ्यास किया। हालांकि उनकी क्वालिटी बेहतर नहीं थी इसलिए विराट तीसरे नेट से दूसरे नेट पर आए। इसके बाद सहायक कोच रघु ने थ्रो बॉल के जरिये उनको बाउंस का अभ्यास कराया।