भोपाल। चुनावी साल में राज्य सरकार ने भारी भरकम भर्तियों की घोषणा तो कर दी, लेकिन इससे सरकार के खजाने पर भी भारी भरकम बोझ आएगा। यदि सभी 89 हजार पदों पर भर्ती होती है तो इन अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतनभत्तों से सरकार पर लगभग 1350 करोड़ रुपए का सालाना बोझ आएगा। हालांकि भर्तियां प्रक्रिया इसी साल पूरी होने की उम्मीद कम ही है।
राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल करने के बाद युवाओं का गुस्सा शांत करने के लिए 89 हजार भर्तियों का एलान किया था। इसमें पटवारी, नायब तहसीलदार, शिक्षक, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, एएनएम, होमगार्ड, पुलिस कांस्टेबल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें से कई पदों पर भर्ती के लिए जुलाई-अगस्त में परीक्षाएं हो सकती हैं।
गौरतलब है कि सरकार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और हर साल कई कामों के लिए राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक इस साल जुलाई-अगस्त तक कई पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं तो शुरू हो जाएंगी, लेकिन प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। गौरतलब है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) परीक्षा करवाने के लिए करीब तीन महीने का समय लेता है और अभी किसी विभाग ने बोर्ड को परीक्षा के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा है।
सरकार पर ऐसे बढ़ेगा बोझ (खर्च सालाना रुपए में)
पद भर्ती वेतन पर खर्च
पटवारी 9,500 285 करोड़
नायब तहसीलदार 400 19 करोड़ 20 लाख
संविदा शिक्षक 60,000 550 करोड़
चिकित्सक 1,300 93 करोड़ 60 लाख
पैरामेडिकल स्टाफ 700 25 करोड़ 20 लाख
नर्स 1,053 37 करोड़ 90 लाख
एएनएम 500 21 करोड़
होमगार्ड 4,000 76 करोड़ 80 लाख
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 3,300 31 करोड़ 80 लाख
पर्यवेक्षक 700 16 करोड़ 80 लाख
कांस्टेबल 8,000 192 करोड़
कुल 89,453 1,350 करोड़